उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में जिला और सत्र न्यायाधीश ने घटना के करीब 32 साल बाद हत्या के दो आरोपी भाइयों को उम्रकैद की सजा सुना दी है. प्रतापगढ़ के जिला और सत्र न्यायाधीश संजय शंकर पांडे ने पेशे से वकील राम बहादुर सिंह और सिद्धार्थ सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाया है. साथ ही अदालत ने दोनों दोषियों पर 45-45 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया.

इस फैसले के बाद कोर्ट में मौजूद दोनों दोषियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. मामले की सुनवाई के दौरान एक अन्य आरोपी पारसनाथ सिंह की मौत हो गई है. 27 सितंबर 1990 को प्रतापगढ़ जिले के केशव राय गांव में जमीनी विवाद में पति राज सिंह की भाइयों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. स्थानीय अदालत ने पति राज सिंह के पक्ष में फैसला सुनाया था.

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मिली जानकारी के मुताबिक, पति राज सिंह ने अपने खेत में ज्वार बोया था. 27 सितंबर 1990 को जब पारसनाथ सिंह जबरन फसल काट रहे थे, तो पति राज सिंह और उनकी पत्नी कौशल्या वहां पहुंचे और विरोध करने लगे. इस बहस के दौरान पारसनाथ सिंह ने अपने बेटों राम बहादुर सिंह और सिद्धार्थ सिंह को बुलाया और उन्हें पति-पत्नी को गोली मारने के लिए उकसाया.

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जिसके बाद दोनों ने पति राज सिंह और कौशल्या देवी पर गोलियां चला दिया. वहीं, अस्पताल ले जाते समय राज सिंह की मौत हो गई, जबकि कौशल्या देवी घायल हो गईं थी. सुनवाई के दौरान इस मामले से जुड़ी फाइल भी गायब हो गई है. जिला और सत्र न्यायाधीश संजय शंकर पांडेय के आदेश पर पूरी फाइल को फिक से तैयार किया गया और आरोपियों के बयान फिर से अदालत में दर्ज किए गए.