रायपुर। बजट अनुदान पर चर्चा के दौरान निर्दलीय विधायक डॉ विमल चोपड़ा ने कहा कि पुलिस को पहले से अपराध और अपराधियों की जानकारी होती है. गांजे की तस्करी धड़ल्ले से हो रही है. अचानक इतनी गति कैसे आ गई. उन्होंने कहा कि आज आरोपी पकड़े जा रहे हैं, इसका आशय ये है कि पहले भी जानकारी थी, लेकिन पकड़े नहीं जा रहे थे.

विमल चोपड़ा ने कहा कि आज थाना ग्राहक सेवा केंद्र बन गए हैं. कोई आता है, तो उन्हें ग्राहक दिखाई देता है. उन्होंने कहा कि आज शराब मध्यप्रदेश से निकलकर ओडिशा के बॉर्डर तक आ रही है. वहीं ओडिशा की शराब यहां पकड़ी जा रही है. गांव में कच्ची शराब का प्रचलन बढ़ा है.

विमल चोपड़ा ने कहा कि पासपोर्ट के लिए आवेदन करने वालों को पुलिस कोर्ट के नहीं थाने में लंबित मामले लिखकर भेजती है. पुलिस की कार्यप्रणाली इस तरह है कि एक प्रशिक्षु आईपीएस एक दल के कार्यकर्ता को कनपटी पर पिस्तौल रखकर बेल्ट से मारता है, फिर जनता कैसे पुलिस के पास जाएगी. उन्होंने कहा कि राजनैतिक आंदोलन में शराब पकड़वाने में हमारे खिलाफ गैरजमानती धारा लगाई जाती है.

चोपड़ा ने कहा कि सरकार की जिम्मेदारी नक्सल समस्या समाप्त करना है. इस समस्या का समाप्त नहीं होना चिंता का विषय है. ट्रैफिक पुलिस के व्यवहार पर कोई चर्चा भी नहीं करता. उन्होंने कहा कि ट्रैफिक पुलिस का अभियान वसूली अभियान बन जाता है. अस्पताल और स्कूल जा रहे लोगों को रोककर वसूली की जा रही है. बात करने से पुलिस चर्चा करने को तैयार नहीं होती है.

विमल चोपड़ा ने तंज कसते हुए कहा कि कलेक्टर, एसपी की गाड़ी के सामने उनका पद लिखा है, तो कोई बात नहीं, वहीं नेता अपना प्लेट लगवा ले, तो चलान कट जाता है. पुलिस स्टेशन में फंड नहीं है. फोटोकॉपी भी आम लोग करवा रहे हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस तनाव में रहती है. पुलिस को साप्ताहिक छुट्टी मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि शुद्ध पेयजल यदि आजादी के 71 साल बाद भी न मिल पाए, तो ये सरकार की असफलता ही है.