अंग्रेजों ने 16 अप्रैल 1853 को भारत में पहली ट्रेन चलाई. बाद में जब देश को अंग्रेजी हुकूमत से आजादी मिली और रेलवे का विस्तार बढ़ता ही गया, लेकिन आज भी भारत के कई हिस्से रेलवे से नहीं जुड़े हैं. झारखंड(Jharkhand) के खूंटी, सिमडेगा, गुमला और चतरा जिले को आजादी के 75 साल बीतने के बाद भी रेल नहीं मिली. लेकिन अब रेल मंत्रालय(Rail Mantralaya) ने कहा है कि ये जिले भी रेल से जुड़ेंगे और रांची(Ranchi) डिवीजन के नियंत्रण में होंगे.

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इन रेलवे लाइन से जोड़ा जाएगा

रेलवे अधिकारियों ने बताया कि पहली सर्वेक्षण रिपोर्ट पूरी हो चुकी है और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) के लिए रेलवे बोर्ड को भेजी गई है. इसमें गुमला, खूंटी और सिमडेगा जिलों को मौजूदा रांची-लोहरदगा रेल लाइन से जोड़ा जाएगा, साथ ही चतरा को रांची-हजारीबाग रेल लाइन से जोड़ा जाएगा.

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120 किमी रेलवे लाइन बिछाने की तैयारी

इस परियोजना का सर्वेक्षण झारखंड रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (JRIDCL) ने पूरा किया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि लोहरदगा से गुमला तक 55 किलोमीटर, गुमला से सिमडेगा तक 43 किलोमीटर, हटिया से खूंटी तक 20 किलोमीटर और हजारीबाग से चतरा तक 42 किलोमीटर की रेलवे लाइन बनाई जाएगी.

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अगस्त 2024 में लगभग 6500 करोड़ रुपये की तीन रेलवे परियोजनाओं को मंजूरी दी थी, जो चार राज्यों (ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल) के सात जिलों को शामिल करेंगे और भारतीय रेलवे में दो नई लाइनें और एक मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना बनाएंगे.

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भारत की पहली रेल और राष्ट्रीयकरण

भारत आजाद हुआ और दो हिस्सों में बट गया, इसके साथ ही रेलवे भी दो हिस्सों में बट गया. 1853 की 16 अप्रैल को देश में पहली ट्रेन चली, जो मुंबई के बोरीबंदर से ठाणे के बीच चलाई गई. 1950 में रेलवे का राष्ट्रीयकरण हुआ, तब से देश ने रेलवे विकास की नई गाथाएं लिखी हैं, हालांकि अभी भी बहुत काम करना बाकी है.