सुधीर दंडोतिया, भोपाल। मध्य प्रदेश में 7 साल बाद कॉलेज और विश्वविद्यालयों में इस साल छात्र संघ चुनाव कराने की संभावना है। इसके लिए उच्च शिक्षा विभाग ने सत्र 2024-25 की गाइडलाइन तैयार करनी शुरू कर दी है। इस बार चुनाव होने की पूरी संभावना इसलिए भी है। क्योंकि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उच्च शिक्षा मंत्री रहते हुए प्रस्ताव तैयार कराया था और तत्कालीन मुख्यमंत्री को भी भेजा था। इस संबंध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराने की मांग की है। 

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2017 के बाद से नहीं हुए छात्रसंघ चुनाव

मध्य प्रदेश में साल  2017 के बाद प्रदेश में छात्र संघ चुनाव नहीं हुए हैं। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता खत्म होने के बाद विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में इसकी तैयारियां शुरू होने की उम्मीद है। उच्च शिक्षा विभाग की ओर से चुनाव के लिए 15 दिन का कार्यक्रम तैयार किया जा रहा है। 

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कैसे होता है अध्यक्ष का चुनाव

बता दें कि प्रत्यक्ष प्रणाली में विश्वविद्यालय और महाविद्यालय का प्रत्येक विद्यार्थी अपने मन से अध्यक्ष का चुनाव करता है। अप्रत्यक्ष प्रणाली में विद्यार्थी क्लास का प्रतिनिधि चुनता है और वह प्रतिनिधि अध्यक्ष का चुनाव करता है। छात्रसंघ चुनाव में मारपीट और उपद्रव अधिक होता है। इसलिए कई सालों से प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव बंद हैं। पर एक बार फिर मध्य प्रदेश में छात्र संघ चुनाव कराए जाने की संभावना बढ़ गई है। 

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