भोपाल। बैतूल के आमला से न्याय पदयात्रा करते हुए भोपाल पहुंची डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे को कल सोमवार भोपाल पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था जिसके बाद आज मंगलवार उन्हें सेंट्रल जेल से रिहाई मिल गई है। देर शाम SDM को 10 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दी गई। जेल से बाहर आते ही उन्होंने सबसे पहले अपने 3 साल के बेटे को गले से लगा लिया। इसके बाद उन्होंने लोकतंत्र की इस लड़ाई में जनता को अपने साथ बताया।
बता दें कि बीते सोमवार बैतूल के आमला से न्याय पदयात्रा करते हुए निशा बांगरे भोपाल पहुंची थी। वह सीएम हाउस के सामने प्रदर्शन करने जा रही थी। तभी पुलिस ने बोर्ड ऑफिस चौराहा से उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। इसी दौरान पुलिस से झूमाझटकी के वक्त उनके कपड़े भी फट गए थे। गिरफ्तारी के बाद उन्हें विशेष कार्यपालिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेश किया गया था, लेकिन तब उन्होंने जमानत लेने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद निशा को जेल भेज दिया गया था। निशा बांगरे सेंट्रल जेल में ही भूख हड़ताल पर बैठ गई थी। साथ ही निशा के समर्थक भी देर रात तक जेल के बाहर ही बैठे रहे।
आज मंगलवार देर शाम उन्हें विशेष कार्यपालिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट से जमानत दे दी गई। पुलिस ने SDM बांगरे पर धारा-151, 107 और 116 के तहत कार्रवाई की है। बता दें कि डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे आमला विधान सभा सीट से चुनाव लड़ना चाहती हैं। लेकिन सरकार उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं कर रही।
निशा का आरोप है कि शिवराज सरकार उनके साथ अन्याय कर रही है। 3 महीने से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया जा रहा है। उनका कहना है कि एक तरफ भाजपा सरकार महिलाओं को राजनीति में आरक्षण देने की बात करती है, दूसरी ओर जब एक पढ़ी-लिखी महिला राजनीति में आना चाहती है चुनाव लड़ना चाहती है तो उसे रोका जा रहा है। ऐसे में उन्हें इस न्याय का यात्रा पर निकलना पड़ा।
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