रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा का इस बार हो रहा चुनाव कई मायनों में खास है. कांग्रेस और भाजपा – दोनों ही पार्टियां इस बार कोई जीतने का कोई मौका नहीं चूकना चाहती और न ही हार का कोई मौका देना चाहती है, इस लिहाज से पार्टी ने संगठन में कार्यकर्ता से लेकर प्रदेश अध्यक्ष को प्रत्याशी के तौर पर चुनावी रणभूमि में उतार दिया है.

भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष और बिलासपुर सांसद अरुण साव के साथ सांसद रेणुका सिंह और गोमती साय को विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी घोषित किया है. सांसद अरुण साव को लोरमी विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया गया है. इस सीट पर वर्तमान में धर्मजीत सिंह विधायक हैं, जिन्होंने जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) छोड़कर दो पहले ही भाजपा का दामन थामा है. भाजपा ने धर्मजीत सिंह को तखतपुर से पार्टी प्रत्याशी घोषित किया है, वहीं उनकी परंपरागत सीट लोरमी से अरुण साव को उतारा है.

वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने पार्टी प्रदेश अध्यक्ष और बस्तर लोकसभा सांसद दीपक बैज को चित्रकोट विधानसभा क्षेत्र से पार्टी प्रत्याशी बनाया है. यह वही सीट है, जिस पर पहले दीपक बैज विधायक हुआ करते थे, लेकिन लोकसभा चुनाव में मिली जीत के बाद उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद हुए उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी राजमन बेंजाम ने 17 हजार मतों के अंतर से भाजपा प्रत्याशी लच्छूराम कश्यप को शिकस्त देकर विधानसभा पहुंचे थे.

पार्टी को हर स्तर पर सक्रिय करने की कवायद

जानकार मानते हैं कि चुनावी समर में प्रदेश अध्यक्ष को उतारने के पीछे आलाकमान की मंशा पार्टी को नीचे से लेकर ऊपर तक सक्रिय करने की है. बात करें भाजपा की तो अरुण साव की प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर नियुक्ति को पार्टी की ओबीसी वर्ग में पैठ बढ़ाने की कवायद मानी गई थी. विधानसभा चुनाव में उन्हें उतारकर पार्टी जनता के बीच उनकी पैठ देखना चाहती है. चुनाव में मिले परिणाम के साथ ही वर्ष 2024 लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी की रणनीति तय होगी. वहीं जानकारी कांग्रेस में दीपक बैज के विधानसभा में पहुंचने से कई छत्तीसगढ़ कांग्रेस में नए समीकरण बनने की बात कह रहे हैं.