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Viral Video. लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के लोग तरह-तरह के बयान दे रहे हैं. कोई संविधान बदलने की बात कह रहे हैं तो कोई हिंदू राष्ट्र बनाने की बात कह रहे हैं. फैज़ाबाद लोकसभा सीट से बीजेपी कैंडिडेट लल्लू सिंह ने संविधान बदलने के लिए 400 सीटों पर भाजपा की जीत जरूरी बताया था. लल्लू सिंह का वीडियो वायरल होने के बाद अब मेरठ के भाजपा प्रत्याशी अरुण गोविल का बयान भी सामने आया है. उन्होंने भी संविधान बदलने की बात कही है.
अरुण गोविल संविधान बदलने के सवाल पर कहा कि बदलाव करना बुरा है. अब अरुण गोविल के इस बयान पर सपा नेता और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने अरुण गोविल को उम्मीदवार बनाए जाने को बीजेपी की भूल बताया है. दरअसल, सपा नेता अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, जो लोग संविधान में प्रगतिशील संशोधन करने और मूलभूत बदलाव करने के बीच का अंतर नहीं समझते उन्हें टिकट देकर बीजेपी ने भारी भूल की है, लेकिन फिर भी इससे ज़्यादा फ़र्क़ नहीं पड़ेगा क्योंकि जनता ने हर भाजपा प्रत्याशी को हराने का फ़ैसला पहले ही कर लिया है.
सपा नेता ने लिखा, दरअसल भाजपा संविधान को पलटकर गरीबों, वंचितों, शोषितों, किसानों, युवाओं और महिलाओं के हक़-अधिकार व आरक्षण मारकर और पूंजीपतियों के हक़ में नीति-योजना बनाकर, सारा फ़ायदा-मुनाफ़ा अपने खेमे के कुछ गिने-चुने खरबपतियों को दे देना चाहती है. जो चुनावी-चंदे के नाम पर अपने बेशुमार फायदे का हिस्सा भाजपाइयों को दे देते हैं. सही मायनों में ये जनता से वसूली का तरीक़ा है क्योंकि कोई भी पूंजीपति अपनी जेब से नहीं देता है, वो तो जनता से ही वसूलकर भाजपाइयों के दल और उनका व्यक्तिगत ख़ज़ाना भरता है. इसीलिए अपने वर्तमान और भविष्य को बचाने के लिए उत्तर प्रदेश और देश की जनता, इस बार बहकावे में नहीं आनेवाली और भाजपा को हराकर और हटाकर ही दम लेगी. भाजपा हराओ, संविधान बचाओ!
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बता दें कि सपा प्रमुख ने एक्स पर जो वीडियो पोस्ट किया है उसमें बीजेपी प्रत्याशी अरुण गोविल कह रहे हैं कि जब हमारा संविधान बना था तो उसमें परिस्थितियों के अनुसार, धीरे-धीरे चेंज हुए हैं. चेंज करना वो प्रगति की निशानी है. उसमें कोई खराब बात नहीं है. उस वक्त की परिस्थितियां कुछ और थीं, आज की कुछ और हैं. उसके हिसाब से अगर कुछ चेंज करना है, तो संविधान एक व्यक्ति की मर्जी से तो चेंज होगा नहीं. सर्व सम्मति चाहिए होगी. अगर ऐसा कुछ होगा तो किया जाएगा.
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