रायपुर। प्राइमरी व मिडिल स्कूलों के प्रधान पाठक तथा हाई एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों के प्राचार्य अध्ययन-अध्यापन के साथ ही आवारा कुत्तों के प्रबंधन की जिम्मेदारी भी संभालेंगे. वे स्कूल परिसर के आसपास घूम रहे आवारा कुत्तों की सूचना संबंधित ग्राम व जनपद पंचायत तथा निगम के डॉग कैचर नोडल अधिकारी को देंगे.
संचालक, लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा गुरुवार को सभी संयुक्त संचालकों और जिला शिक्षा अधिकारियों को जारी आदेश में कहा गया है कि आवारा कुत्तों के प्रबंधन के लिए प्रत्येक स्कूल के प्राचार्य अथवा संस्था प्रमुख नोडल नियुक्ति किए जाएंगे वे स्कूल परिसर के आसपास विचरण कर रहे आवारा कुत्तों की सूचना ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत अथवा नगरीय निकाय क्षेत्रों में डॉग कैचर नोडल अधिकारी को देंगे.

इसके अलावा शाला प्रमुख ग्राम पंचायत जनपद पंचायत / निगम के सहयोग से स्कूल में आवारा कुत्तों के प्रवेश की रोकथाम हेतु आवश्यक प्रबंध करेंगे. आवारा कुत्तों के काटने पर पीड़ित बच्चे को संस्था प्रमुख द्वारा त्वरित रूप से उपचार हेतु निकट के स्वास्थ्य केन्द्र में पहुंचाया जाना सुनिश्चित किया जाएगा.
पूर्व में जारी निर्देश के अनुसार प्रत्येक स्कूल और शैक्षणिक संस्थान में विद्यार्थियों और कर्मचारियों के लिए जानवरों के आसपास सावधानी बरतने संबंधी व्यवहार, काटने पर प्राथमिक उपचार और तत्काल सूचना देने के प्रोटोकॉल पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.
विभागवार कार्य आबंटन
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आवारा कुत्तों के प्रबंधन के संबंध में दिए गए निर्देश के बाद अब राज्य शासन भी अलर्ट मोड में आ गया है. राज्य शासन ने अपने-अपने स्तर पर कार्य करने नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, पशुधन विकास, लोक निर्माण विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, स्कूल व उच्च शिक्षा तथा राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र को जिम्मेदारी सौंपी गई है.
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