नई दिल्ली। भारत के अलावा ब्रिटेन, फ्रांस और संयुक्त राज्य अमेरिका सहित 10 देशों के चीन से आने वाले यात्रियों के लिए कोरोना टेस्ट अनिवार्य करने के साथ विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) हरकत में आ गया है. उसने चीन से जीरो कोविड पॉलिसी को खत्म करने के बाद खतरनाक तरीके से बढ़ रहे कोरोनो वायरस के मामले पर और अधिक डेटा देने के लिए कहा है.

बता दें कि 5 जनवरी से चीन से इंग्लैंड जाने वाले यात्रियों को दो दिन पुराना निगेटिव रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य होगा. यूके की सरकार ने कहा है कि चीन में कहर बरपा रहे नए वेरिएंट का पता लगाने की दिशा में यह कदम उठाया गया है. उन्होंने इसे एहतियाती और अस्थायी उपाय बताया है. इसके पहले ही भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान, इटली और ताइवान ने भी चीन से आने वाले यात्रियों के लिए कोरोना जांच अनिवार्य कर दिया है. फ्रांस, स्पेन, दक्षिण कोरिया और इज़राइल ने भी इस तरह के कदम उठाए हैं.

WHO ने चीन से मांगी अधिक जानकारी

कोरोना संक्रमितों के आंकड़ों को सार्वजनिक नहीं किए जाने के चीन के फैसले से दुनियाभर में चीन की रही-सही विश्वसनीयता खतरे में आ गई है. इस विषय पर विश्व स्वास्थ्य संगठन के विशेषज्ञों की चीनी अधिकारियों के साथ और के बीच शुक्रवार को वर्चुअल बैठक हुई. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चीन से जीनोम सिक्वेंसिंग, अस्पताल में भर्ती मरीज, मृत्यु और टीकाकरण की संख्या को लेकर और अधिक डेटा प्रदान करने के लिए कहा है.

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