रायपुर। झीरमघाटी नक्सल हमले मामले को लेकर जनता कांग्रेस के संस्थापक अजीत जोगी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. जोगी ने कहा कि अगर किसी के पास मामले में कोई साक्ष्य है, तो उसे न्यायिक आयोग के समक्ष पेश करना चाहिए. उसे अपने पास रखने का कोई मतलब नहीं है. क्योंकि झीरम मामले का सच हर कोई जानना चाहता है. भले इस मामले में एनआईए की जांच पूरी हो गई है, लेकिन जस्टिस प्रशांत मिश्रा की न्यायिक आयोग वाली जांच चल रही है.
हाईकोर्ट से अच्छी जगह कोई हो नहीं सकती लिहाजा न्याय तो कोर्ट से मिलना है इसलिए आयोग के समक्ष सबूत पेश करने चाहिए. आपको बता दे कि पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा था कि झीरमकांड के साक्ष्य मेरे पास है, लेकिन कोई जांच चल ही नहीं रही तो सबूत किसे दूँ. इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने भी कहा था कि अगर सबूत किसी के पास है तो जेब में लेकर ना घूमे पेश करें.
पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने विनोद वर्मा में के बेल का समर्थन किया है. जोगी ने कहा कि जब तक किसी पर अपराध सिद्ध नहीं हो जाता तब तक उसे जेल में रखना न्याोचित नहीं है. लिहाजा विनोद वर्मा को मिले बेल का मैं पक्षधर हूँ. उन्होंने ये भी कहा कि विनोद वर्मा एक प्रसिद्ध पत्रकार है. फिलहाल मामले में की जांच चल रही है. लेकिन जांच के आधार उन्हें जेल में रखना सही है. इसलिए सैद्धांतिक तौर पर मैं बेल को सही मानता हूँ.