रेणु अग्रवाल, धार। जहां एक ओर सरकार गरीबों के लिए आयुष्मान जैसी योजना चला रही है ताकि स्वास्थ्य सुविधा के भार के तले किसी गरीब को अपनी जान नहीं गवाना पढ़े. वहीं सरकारी अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मचारी हैं कि गरीबों के पेट पर जेब पर डाका डालते हुए अक्सर नजर आ जाते हैं. गरीब चाहे कितनी ही मिन्नते कर ले पर पैसा तो देना ही है. सरकारी अस्पताल में खासकर महिला की प्रसूति हो या अन्य कोई सर्जरी, लेकिन इन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता. चाहे कर्ज ही क्यों न लेना पड़े.

दरअसल ऐसा कुछ मामला धार जिले के बगड़ी अस्पताल से सामने आया है. जहां एक स्वास्थ्यकर्मी एक महिला की डिलेवरी कराने के लिए रिश्तेदार से पैसे की डिमांड की. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.

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वहीं प्रसूता का रिश्तेदार 2 हजार नहीं होने की बात कह रहा है और वह महिला डॉक्टर से 600 रुपए लेने के लिए मिन्नते करते हुए नजर आ रहा है. लेकिन स्वास्थ्य कर्मचारी टस से मस नहीं हो रही है. वह कह रही हैं जो भी करना है, वह करना ही पड़ता है. चाहे कर्जा ही क्यों न लेना पड़े, लेकिन दो.

मामले में प्रसूता ने कहना है कि महिला स्वास्थ्यकर्मी ने 2000 हजार रुपए की मांग कर रही थी. हम 600 रुपए दे रहे थे, लेकिन इन्होंने नहीं लिया. महिला का कहना है कि स्वास्थ्यकर्मी ने पूरे पैसे 2 हजार की मांग की है.

वीडियो के वायरल होने पर ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर चमन दीपा अरोड़ा ने बताया कि यह मामला संज्ञान में आया है. उन्होंने कहा कि एक जांच कमेटी गठित कर दी गई है. जो इस वायरल वीडियो की जांच करेगी और जो भी तथ्य निकलकर आएंगे उस पर कार्रवाई की जाएगी.

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