अमित कोड़ले, बैतूल। मध्य प्रदेश के बैतूल से एक बार फिर अंधविश्वास से जुड़ा मामला सामने आया है। जहां सर्पदंश के बाद तड़प रहे युवक को लेने गांव में एम्बुलेंस पहुंची। लेकिन यहां युवक के परिजनों का प्रयास उसे डॉक्टरी इलाज देने से ज्यादा झाड़फूंक में लगा हुआ था।

मामला महुपानी गांव का है। जहां एक युवक को सांप ने काट लिया। सूचना पर मौके पर पहुंची एम्बुलेंस टीम ने देखा की युवक तड़प रहा है और उसका मामा झांड़फूंक और मंत्रों से जहर उतारने का प्रयास कर रहा। एम्बुलेंस टीम ने परिजनों को समझाया कि, कोबरा के जहर का इलाज मेडिकल ट्रीटमेंट के बाद ही संभव है। लेकिन परिजन नहीं माने और समय बर्बाद करते रहे।

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आखिरकार एम्बुलेंस टीम ने युवक को उठाकर एम्बुलेंस में लिया और जिला अस्पताल की तरफ निकले। चलती एम्बुलेंस में भी झाड़फूंक जारी रहा। जिसका वीडियो एम्बुलेंस टीम ने बनाकर अधिकारियों को भेजा। उनका कहना है कि, ऐसे मामलों में मरीज की मौत हो जाने पर अक्सर लोग आरोप लगाते है कि एम्बुलेंस समय पर नहीं आई या सही इलाज नहीं मिला।

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वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि युवक का तांत्रिक मामा उसके सिर पर हाथ रखकर मंत्रोच्चारण कर रहा है। बहरहाल एम्बुलेंस टीम जिला अस्पताल पहुंची और युवक का इलाज शुरू हुआ। फिलहाल युवक की हालत स्थिर बनी हुई है। अगर परिजन झाड़फूंक में कुछ और देर करते तो शायद उसे बचाना भी मुश्किल हो जाता। जिले में सर्पदंश के कई मामलों में झाड़फूंक के चलते मरीज की मौत हो जाने के मामले भी सामने आते रहे। लेकिन जनजातीय क्षेत्रों में लोग अब भी मेडिकल ट्रीटमेंट से पहले अंधविश्वास का ही सहारा लेते हैं।

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