दिल्ली विधानसभा में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता(CM Rekha Gupta) एक नई CAG रिपोर्ट पेश करने की तैयारी कर रही हैं. 1 अप्रैल को, वे सदन में पलूशन और उसके रोकथाम से संबंधित CAG रिपोर्ट विधानसभा सदस्यों के समक्ष प्रस्तुत करेंगी. इससे पहले, दिल्ली शराब घोटाले, स्वास्थ्य और DTC से संबंधित कैग रिपोर्टें पेश की जा चुकी हैं. भारत के नियंत्रक और महालेखापरीक्षक (CAG) की ऑडिट रिपोर्ट पर चर्चा करते हुए, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने यह आरोप लगाया कि पूर्व आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के कार्यकाल में DTC को 70,471 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.

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शराब नीति के संदर्भ में सबसे पहले कैग रिपोर्ट सदन में प्रस्तुत की गई थी, जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि रद्द की गई नई शराब नीति के कारण 2,026 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान हुआ. रिपोर्ट में लाइसेंस जारी करने में अनियमितताओं और कुछ व्यक्तियों को लाभ पहुंचाने के आरोप भी शामिल थे. इस पर आम आदमी पार्टी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर बीजेपी के आरोपों का खंडन किया. इसके बाद स्वास्थ्य और मोहल्ला क्लीनिक से संबंधित दूसरी कैग रिपोर्ट आई, जिसमें मोहल्ला क्लीनिक और अन्य स्वास्थ्य योजनाओं के फंड के उपयोग और व्यय पर सवाल उठाए गए थे.

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दिल्ली विधानसभा में दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के नुकसान पर चर्चा की गई, जिसमें बताया गया कि डीटीसी को 70,471 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. इसमें से 14,198 करोड़ रुपये का परिचालन नुकसान शामिल है. 814 मार्गों में से केवल 468 पर ही बसें चलाई गईं, जबकि विज्ञापनों पर खर्च किया गया धन भी सही तरीके से उपयोग नहीं किया गया. केंद्र से प्राप्त 233 करोड़ रुपये का भी कोई उपयोग नहीं हुआ. मुख्यमंत्री ने बताया कि पहले 4344 बसें थीं, लेकिन उनके कार्यकाल में यह संख्या घटकर 3937 रह गई. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि डीटीसी की भागीदार एजेंसी आईडीएफसी ने दिल्ली सरकार को अपने शेयर खरीदने की सलाह दी थी.

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सीएजी ऑडिट में 2015-2016 से 2021-2022 तक की अवधि का समावेश किया गया है. इस रिपोर्ट में डीटीसी के संचालन में गंभीर अनियमितताओं का खुलासा किया गया है. सीएजी की रिपोर्ट दर्शाती है कि सरकार के कुप्रबंधन और लापरवाही के कारण दिल्ली के करदाताओं के करोड़ों रुपये बर्बाद हुए हैं. इस रिपोर्ट को अब सरकारी उपक्रमों की समिति को भेजा जा रहा है, जिन्हें तीन महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है. इसके अलावा, परिवहन विभाग और डीटीसी को एक महीने के भीतर विधान सचिवालय को अपनी कार्रवाई रिपोर्ट (एक्शन टेकन नोट) जमा करनी होगी.