हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में हुई मॉब लिंचिंग मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. घटना के बाद हुए प्रदर्शन में पीएफआई का हाथ सामने आया है. इन संगठनों का नाम आने पर पूरे शहर में सीसीटीवी कैमरे के जरिए मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में नजर रखी जा रही है. वहीं पुलिस अधिकारियों ने इंटेलीजेंस को भी एक्टिव कर दिया है. फिलहाल पूरे मामले में पुलिस ने 3 आरोपियों को गिफ्तार कर लिया है. वहीं पुलिस ने घटना के विरोध में कोतवाली में प्रदर्शन करने वाले 25 अज्ञात लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है.

घटना के बाद इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि कल की घटना में प्रदर्शन आपत्तिजनक थे. प्रदर्शन में एसडीपीआई और पीएफआई के लोगों का हाथ सामने आया है. उन्होंने कहा कि इन दोनों संगठनों पर इंटेलीजेंस नजर रख रहा है. जो भी माहौल बिगाड़ने का काम कर रहा है उस पर सख्त कार्रवाई होगी. शांति हम बनाकर रख रहे हैं.

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कलेक्टर का कहना है कि शहर की फिजा को किसी भी हालात में नहीं बिगड़ने दिया जाएगा. अगर सोशल मीडिया पर कोई आपत्तिजनक टिप्पणी या कोई वीडियो वायरल करता है तो, उसके ऊपर वैधानिक कार्रवाई कर उसे जेल भेजा जाएगा. इस पूरे मामले में दोनों ही पक्षों पर पुलिस ने कार्रवाई की है. आगे से इस प्रकार की घटना न हो इसको लेकर एसपी ने भी सभी थाना क्षेत्रों में रिजर्व बल रखने के निर्देश दिए हैं. साथ ही इंदौर में लगे सीसीटीवी कैमरों के आधार पर मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में नजर रखने का काम किया जा रहा है.

 

 

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दरअसल, घटना के बाद सेंट्रल कोतवाली थाने पर देर रात प्रदर्शन हुआ था. भीड़ इकट्ठा होने के मामले में पुलिस ने 25 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है जिसमें से 3 लोग नामजद बताए जा रहे हैं. पूरे मामले मंत्री तुलसी सिलावट ने साफ तौर पर कहा कि शहर की फिजा बिगाड़ने वाले लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. किसी को बख्शा नहीं जाएगा.

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बता दें इंदौर के बाणगंगा थाना क्षेत्र के गोविंद नगर में एक विशेष समुदाय का युवक चूड़ी बेचने पहुंचा था. वहां उसका नाम पूछने के बाद कुछ लोगों ने उस पर हमला कर दिया और उसके साथ जमकर मारपीट की. युवक ने कोतवाली थाना में शिकायत की कि उसके पास मौजूद 10 हजार रुपए, आधार कार्ड, सहित अन्य दस्तावेज और 25 हजार की चूड़ियों को आरोपियों ने लूट लिया. पीड़ित युवक ने शिकायत में कहा है कि आरोपियों ने उसके साथ धार्मिक गाली गलौच भी की.

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क्या है पीएफआई?

बता दें कि देर रात हुए प्रदर्शन में जिस संगठन की बात सामने आ रही है वह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) एक इस्लामिक संगठन है. ये संगठन अपने को पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के हक में आवाज उठाने वाला बताता है. संगठन की स्थापना 2006 में नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट (NDF) के उत्तराधिकारी के रूप में हुई. संगठन की जड़े केरल के कालीकट में गहरी हैं. फिलहाल इसका मुख्यालय दिल्ली के शाहीन बाग में है.

क्या है एसडीपीआई?

सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) की स्थापना 21 जून, 2009 को नई दिल्ली में की गई. एसडीपीआई पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की राजनीतिक शाखा है. इसकी स्थापना के एक साल बाद 13 अप्रैल, 2010 को चुनाव आयोग में इसे पंजीकृत कराया गया. एमके फैजी एसडीपीआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं.

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