
दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) की हार और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सत्ता में आने के बाद राजधानी में परिवर्तन की प्रक्रिया आरंभ हो गई है. बीजेपी सरकार पूर्व सरकार के कई निर्णयों और योजनाओं को बदलने की तैयारी में है. मोहल्ला क्लीनिक के बाद, अब मोहल्ला बस सेवा का नाम भी बदला जा सकता है. दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार ने इस सेवा का नाम बदलकर नमो बस या अंत्योदय बस रखने का प्रस्ताव दिया है. सूत्रों के अनुसार, भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को नए नाम के लिए तीन विकल्प भेजे गए हैं, और पार्टी का शीर्ष नेतृत्व जल्द ही इस पर निर्णय लेकर दिल्ली की मुख्यमंत्री को सूचित कर सकता है. यह भी चर्चा है कि इस बस सेवा की शुरुआत एक अप्रैल से की जा सकती है.
आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले मोहल्ला बस सेवा की शुरुआत की थी. जानकारी के अनुसार, अब बीजेपी सरकार ने इस सेवा का नाम बदलने का सुझाव दिया है, जिसमें इसे नमो बस या अंत्योदय बस के रूप में पुकारने का प्रस्ताव रखा गया है. इससे पहले मोहल्ला क्लीनिक का नाम बदलकर आयुष्मान आरोग्य मंदिर रखने का भी सुझाव दिया गया था.
दिल्ली की पूर्व सरकार ने संकरे मार्गों पर 9 मीटर लंबी बसों के संचालन का निर्णय लिया था, जहां 12 मीटर लंबी बसों का चलना कठिन था. तत्कालीन परिवहन मंत्री ने इन बसों का परीक्षण भी आरंभ किया था. पूर्व सरकार ने दिल्ली की सड़कों पर दो हजार बसों को चलाने का निर्णय लेते हुए एक हजार बसों के लिए टेंडर जारी किया था. दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले लगभग 250 बसों की आपूर्ति हुई, जिन्हें कुशक नाला डिपो में रखा गया है. अब जब दिल्ली में सत्ता परिवर्तन हुआ है और भाजपा सरकार का गठन हुआ है, तो इन बसों को नया नाम देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है.
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पहले चरण में 200 बसें दौड़ेंगी
दिल्ली सरकार चरणबद्ध तरीके से छोटी बसों को सड़कों पर लाने की योजना बना रही है. जानकारी के अनुसार, यह योजना एक अप्रैल से लागू होगी, जिसमें पहले चरण में 200 नई इलेक्ट्रिक बसें शामिल की जाएंगी. इन बसों में 9 मीटर और 12 मीटर लंबाई की बसें दोनों होंगी. इस बस सेवा का उद्देश्य यात्रियों को अंतिम गंतव्य तक बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करना है.
दिल्ली सरकार यात्रियों की सुविधा के लिए जेवर एयरपोर्ट तक बस सेवा शुरू करने की योजना बना रही है. यह सेवा प्रारंभ में एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू की जा सकती है. जेवर में नए एयरपोर्ट के उद्घाटन के साथ उड़ानों की शुरुआत की तैयारी चल रही है, जिससे दिल्ली से जेवर एयरपोर्ट तक यात्रियों की संख्या में वृद्धि होने की संभावना है. इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए, डीटीसी इस सेवा को शुरू करने का निर्णय ले रही है. हालांकि, इस रूट पर चलने वाली बसों की संख्या और किराए का निर्धारण अभी बाकी है.
इलाकों के भी नाम बदलने के सुझाव
चुनाव के परिणामस्वरूप दिल्ली में सत्ता परिवर्तन के बाद, कई स्थानों के नाम बदलने के प्रस्ताव सामने आने लगे हैं. बीजेपी के कई विधायकों ने नजफगढ़, मोहम्मदपुर और मुस्तफाबाद जैसे क्षेत्रों के नामों में परिवर्तन की मांग की है.
पिछले वर्ष दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने ‘मोहल्ला बस सेवा’ की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी में सार्वजनिक परिवहन को सुधारना और कनेक्टिविटी को बढ़ाना था. तब के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने 15 जुलाई को इस सेवा का ट्रायल प्रारंभ किया था. इस योजना के तहत 2180 मिनी इलेक्ट्रिक बसें चलाने का प्रस्ताव था, जो 10 से 12 किलोमीटर के रूट पर संचालित होती हैं. इन बसों में महिलाओं के लिए यात्रा मुफ्त है, जिससे उन्हें टिकट की आवश्यकता नहीं होती.
मोहल्ला क्लीनिक का नाम भी बदलने जा रही सरकार
मोहल्ला बस सेवा के अंतर्गत मिनी इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जाता है. इन बसों की लंबाई 9 मीटर होती है और ये पूरी तरह से एयर कंडीशनर हैं. इन्हें संकीर्ण सड़कों और अधिक भीड़भाड़ वाले इलाकों में सुगमता से चलाने के लिए डिज़ाइन किया गया है. मोहल्ला बसों का रूट लगभग 10 किलोमीटर लंबा है.
दिल्ली की नई बीजेपी सरकार ने मोहल्ला क्लीनिकों की रीब्रांडिंग की योजना बनाई है. पहले इन क्लीनिकों का नाम बदलकर ‘अर्बन आरोग्य मंदिर’ रखने का सुझाव दिया गया था, जो जांच के बाद सामने आया. इसके अतिरिक्त, नई केंद्रीय नीति के तहत इन क्लीनिकों को ‘आरोग्य आयुष्य मंदिर’ के नाम से भी जाना जा सकता है.
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