रायपुर. पहले मां आभा तिवारी ने 47 साल की उम्र में पीएससी टॉप कर नया कीर्तिमान बनाया अब दो साल बाद बेटे सिद्धांत तिवारी ने पीएसपी परीक्षा में मेरिट लिस्ट में स्थान हासिल कर पुलिस अधिकारी बनने का सपना साकार किया है. पूर्व आबकारी अधिकारी दिवाकर तिवारी के परिवार की यह उपलब्धि किसी फिल्मी पटकथा से कम नहीं है, जिसमें हर किरदार की एक-दूसरे की सफलता में अहम हिस्सेदारी है, जो समाज को सकारात्मक संदेश देती है.
जब बेटी की बीमारी से दस साल से जूझ रही मां आभा तिवारी को बेटे सिद्धांत ने हौसला दिलाते हुए पीएसपी परीक्षा देने के लिए न केवल तैयार किया, बल्कि लोक प्रशासन, इतिहास और संविधान जैसे विषयों की पढ़ाई में उनकी मदद भी की. पति आबकारी अधिकारी में अधिकारी दिवाकर तिवारी ने भी उनकी भी हौसला आफजाई की. नतीजा 47 साल की उम्र में आभा तिवारी ने पीएससी टॉप किया. लेकिन यह सफर यहीं खत्म नहीं हुआ.
दो साल से कम अवधि में बेटे सिद्धांत तिवारी ने भी पीएसपी की परीक्षा में सफलता हासिल की. वह भी मेरिट लिस्ट में सातवीं रैंकिंग हासिल कर. लल्लूराम डॉट कॉम से चर्चा में सिद्धांत के पिता दिवाकर ने कहा कि सिद्धांत चाहता तो डिप्टी कलेक्टर बन सकता था, लेकिन उसने पुलिस में ही जाना तय किया था, इसलिए उसने अपनी पहली प्राथमिकता डिप्टी सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (डीएसपी) को दी, और आज उसका सपना साकार हो गया है.
हिदायतउल्ला नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, रायपुर से लॉ की पढ़ाई करने वाले सिद्धांत ने चर्चा में बताया कि बचपन से ही उसका सपना पुलिस अधिकारी बनने का था. इस सपने को हकीकत में बदलने में न केवल मां आभा तिवारी ने बल्कि पिता दिवाकर ने भी पूरी मदद की, गाइडेंस किया. जहां-जहां उसे परेशानी आती थी, उसकी मदद के लिए माता और पिता दोनों तैयार रहते थे. आज उनके समर्पण और अपनी मेहनत की बदौलत सिद्धांत पुलिस अधिकारी बन प्रदेश की जनता की सेवा करने के लिए तैयार है.