राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में स्थित गांधी सागर जलाशय कूनो के बाद चीतों का नया आशियाना होगा। करोड़ों की लागत से अभ्यारण बनकर तैयार हो गया है। वहीं फरवरी महीने में यहां 12 चीतों को छोड़ने की तैयारी है। इसके साथ ही यहां 1000 चीतल और 400 काले हिरण को भी छोड़ा जाएगा। इस प्रोजेक्ट का आकलन लगभग 30 करोड़ रुपए का है। 

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बता दें कि एशिया की सबसे बड़ी मानव निर्मित झील मंदसौर जिले के गांधी सागर में मौजूद है। गांधी सागर झील के नज़दीक मौजूद अभ्यारण में ही चीतों के लिए 64 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में बाड़ा तैयार किया गया है। साथ ही, यहां 12 हज़ार 500 गड्ढे खोदकर हर 3 मीटर की दूरी पर पिल्लर लगाए गए हैं। इन पिलरों पर तार फेंसिंग की मदद से 28 किलोमीटर लंबी और 10 फीट ऊंची दीवार बनाई गई है। चीतों पर नज़र रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे, ड्रोन और चीतों की बाकी जरूरत को पूरा करने में करीब 30 करोड़ रुपए की लागत आई है। 

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जानिए चीतों के लिए गांधी सागर को क्यों चुना ?

चीतों को सुरक्षित और सुखद आवास, आराम करने के लिए घास, और मनपसंद भोजन की जरूरत होती है और गांधी सागर अभ्यारण में इन तीनों सुविधाओं की व्यवस्था करने के लिए करोड़ों रुपए का निवेश किया गया है। ऐसे में उम्मीद है कि  फरवरी 2024 तक यहां चीते दौड़ते हुए दिखाई देंगे। 

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