रायपुर। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के चार नए जिलों की घोषणा होते ही इन शहरों में जमीन दलाल सक्रिय हो गए हैं. न केवल जिन जिलों से अलग कर नए जिले का गठन किया गया है वहां के, बल्कि आस-पास के जिलों और राजधानी रायपुर तक के जमीन दलालों ने मोर्चा संभाल लिया है.
जानकार बताते हैं कि कोरोना काल की वजह से अन्य चीजों के साथ-साथ जमीन के कारोबार में भी सुस्ती आ गई थी, लेकिन कोरोना के असर के कम होने के साथ स्वतंत्रता दिवस पर की गई जिलों की घोषणा से उत्साह लौट आया है. मनेंद्रगढ़, सक्ती और सारंगढ़-बिलाईगढ़ में प्रॉपर्टी डिलरों के पास लोगों के फोन आने शुरू हो गए हैं. यही नहीं बड़ी पार्टियां अपने कर्मचारियों को जमीन की पूछपरख के लिए भेजने भी लग गई है.
तत्काल बढ़ गई 50 फीसदी कीमत
प्रापर्टी डीलर बताते हैं कि मनेंद्रगढ़, सक्ती, सारंगढ़-बिलाईगढ़ और मानपुर-मोहला के नए जिलों की तौर पर घोषणा होते ही जमीन की कीमत तत्काल 50 प्रतिशत बढ़ गई है, वहीं आने वाले दो महीनों में यह कीमत 70 से 100 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी. यही नहीं जिन जमीनों को कल तक कोई कौड़ियों की कीमत पर भी खरीदने को तैयार नहीं था, उसकी भी आज पूछ-परख होने लगी है. आने वाले दिनों में जमीन की कीमत और खुलेगी.
800 की जमीन 1500 तक पहुंची
रायगढ़ के प्रापर्टी डीलर सक्ती को लेकर बताते हैं कि अभी जिस जमीन की कीमत 800 प्रति स्क्वेयर फीट है, जिला की घोषणा के साथ ही 1200-1500 रुपए तक पहुंच गई है. यही नहीं आने वाले दिनों में इसमें और बढ़ोतरी की उम्मीद है. वे बताते हैं कि जमीन की कीमत भी जिले की घोषणा के साथ शेयर बाजार की तरह हो गई है. तत्काल उछाल आने के बाद चंद महीनों बाद प्राइस करेक्शन होगा, कुछ दिन स्थिर रहने के बाद फिर से नई उछाल आएगी. कीमतों के स्थिर होने में छह महीने-सालभर तक लग सकता है.
सरकारी कार्यालय में भीड़-भाड़
आमतौर पर जैसा होता है कि लोगों की दिलचस्पी जिला मुख्यालय से लेकर दो-तीन किलोमीटर के दायरे में आने वाले जमीनों को लेकर है. कीमत को जानने के बाद उसे क्रास चेक कर रहे हैं. जमीन को लेकर पुख्ता जानकारी के लिए आने वाले दिनों में सरकारी कार्यालयों के साथ-साथ रजिस्ट्री कार्यालयों में भी लोगों की भीड़ जुटेगी. इसके साथ ही इन कार्यालयों से जुड़े लोगों के भी अच्छी-खासी आमदनी की उम्मीद जग गई है.