केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले(Ramdas Athawale) ने यह स्पष्ट किया कि न्यायपालिका का सम्मान सभी के लिए अनिवार्य है. न्यायपालिका द्वारा दिए गए आदेशों का पालन करना आवश्यक है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि न्यायपालिका को यह समझना चाहिए कि संसद सर्वोच्च होती है. कानून बनाना संसद का कार्य है, जबकि न्यायपालिका का दायित्व कानून के अनुसार निर्णय देना है.

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केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि संसद द्वारा बनाए गए कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियां हर मामले में उचित नहीं होतीं. हालांकि, हम सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करते हैं, और सुप्रीम कोर्ट को भी संसद का सम्मान करना चाहिए.

केंद्रीय मंत्री अठावले का बयान उस समय आया है जब बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे के बयान ने राजनीतिक विवाद को जन्म दिया है. निशिकांत दुबे ने यह कहा था कि “इस देश में हो रहे गृह युद्धों के लिए मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना जिम्मेदार हैं.”

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‘…तो संसद भवन को बंद कर देना चाहिये’

उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट में यह भी कहा, “यदि कानून केवल सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाए जाएंगे, तो संसद भवन को बंद कर देना चाहिए.”

BJP ने दुबे के बयान से किया किनारा

BJP सांसद के इन बयानों ने विवाद उत्पन्न कर दिया है. हालांकि, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने निशिकांत दुबे के बयान को व्यक्तिगत विचार बताया और स्पष्ट किया कि इसका पार्टी से कोई संबंध नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि हम न्यायपालिका का सम्मान करते हैं.

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विपक्ष ने की कार्रवाई की मांग

निशिकांत दुबे के बयान को लेकर विपक्ष में तीव्र आक्रोश है. झारखंड के मंत्री इरफान अंसारी ने मांग की है कि निशिकांत दुबे को तुरंत लोकसभा से बर्खास्त किया जाए. इसी बीच, कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया है कि दुबे मंत्री बनने के लिए हिंदू-मुसलमान के बीच विभाजन कर रहे हैं. उन्होंने बीजेपी सांसद के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की है. उल्लेखनीय है कि निशिकांत दुबे झारखंड की गोड्डा सीट से सांसद हैं और यह उनकी चौथी बार सांसद बनने की स्थिति है.