Bihar Politics: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक जहां 26 एजेंडों पर मुहर लगी, वहीं बैठक के बाद सियासी हलकों में एक अलग ही खबर सुर्खियां बन गई। दरअसल, उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता विजय कुमार सिन्हा तथा जेडीयू मंत्री अशोक चौधरी आपस में भिड़ गए।

जमीन को लेकर छिड़ा विवाद

सूत्रों के मुताबिक, जेडीयू मंत्री अशोक चौधरी कृषि फर्म की जमीन को मंत्री जमा खान के जिले में सरकार की योजना के लिए ट्रांसफर कराने पर जोर दे रहे थे। इस पर विजय कुमार सिन्हा ने साफ कहा कि कृषि फर्म की जमीन किसानों के हित के लिए है और विभागीय नियमों के अनुसार ही किसी अन्य विभाग को दी जाएगी। इसी मुद्दे पर दोनों नेताओं के बीच बहस तेज हो गई और मामला गरमा गया।

अपने विभाग पर ध्यान दीजिए- विजय सिन्हा

विजय सिन्हा ने अशोक चौधरी को नसीहत देते हुए कहा कि वे अपने ग्रामीण विकास विभाग पर ही ध्यान दें। अंदरखाने की खबर है कि दोनों नेताओं के बीच विवाद की जड़ सिर्फ जमीन नहीं, बल्कि आगामी विधानसभा चुनाव की सीट बंटवारे को लेकर चल रही खींचतान भी है।

अशोक चौधरी का आक्रामक तेवर

यह पहला मौका नहीं है जब अशोक चौधरी का सख्त रुख सामने आया हो। हाल ही में 22 अगस्त को दरभंगा के कुशेश्वरस्थान प्रखंड में आयोजित जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान भी वे मंच से भड़क गए थे। उस समय ग्रामीणों ने सांसद शांभवी चौधरी के खिलाफ नारेबाजी की थी और चौधरी ने अधिकारी को निर्देश दिया था कि ऐसे लोगों की फोटो खींचकर सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप में कार्रवाई की जाए।

गठबंधन की एकजुटता पर सवाल

पटना में कैबिनेट बैठक के बाद हुआ यह ताजा टकराव बताता है कि एनडीए के भीतर खींचतान सार्वजनिक होती जा रही है। खासकर जब बिहार में विधानसभा चुनाव की आहट तेज है, तो इस तरह की घटनाओं से गठबंधन की एकजुटता पर सवाल उठना स्वाभाविक है।

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