रायपुर- छत्तीसगढ़ की अंतरराज्यीय सीमाओं पर चेक पोस्ट दोबारा शुरू किए जाने के मुद्दे पर सियासी रंग चढ़ा हुआ है. पूर्व परिवहन मंत्री राजेश मूणत ने केंद्र के उस हालिया चिट्ठी को जारी किया है, जिसे बिहार और मध्यप्रदेश की सरकारों को लिखा गया था. सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के सचिव गिरीधर अरमने की ओऱ से लिखी गई इस चिट्ठी में यह स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि राज्यों की सीमाओं पर चल रहे चेक पोस्ट एक आर्गेनाइज्ड करप्शन ( संगठित भ्रष्टाचार) को बढ़ावा देने का जरिया है. इस चिट्ठी में चेक पोस्ट बंद किए जाने का सुझाव दिया गया है.

इस चिट्ठी के आधार पर पूर्व परिवहन मंत्री राजेश मूणत ने राज्य में चेक पोस्ट शुरू किए जाने के सरकार के फैसले पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा है कि चेक पोस्ट खोला जाना चिंता की बात है. साल 2017 में इसे जब बंद किया गया था, तब राज्य सरकार को करीब एक हजार करोड़ रूपए का राजस्व मिलता था. तब चेक पोस्ट में नेशनल परमिट नहीं होने, ओवरलोडिंग, टैक्स नहीं पटाने वाली गाड़ियों पर जुर्माना वसूला जाता था, लेकिन जीएसटी लागू होने के बाद इसकी जरूरत नहीं रही. देशभर में परमिट औऱ टैक्स पटाने का आनलाइन सिस्टम लागू होने के बाद चेक पोस्ट बंद करने का हमने फैसला लिया था.

मूणत ने कहा कि राज्य की सीमा के भीतर ओवरलोडिंग गाड़ियों समेत अन्य दस्तावेजों के परीक्षण के लिए आरटीओ की चेकिंग जारी है. इसे बंद नहीं किया गया है. आरटीओ को इसका अधिकार है, ऐसे में चेक पोस्ट को शुरू करने का औचित्य नहीं रह जाता. बता दें कि राज्य सरकार ने 16 चेक पोस्ट शुरू कर दिया है. सरकार ने अपनी दलील मे ंकहा है कि इससे राजस्व में बढ़ोतरी होगी.

केंद्र सरकार की मध्यप्रदेश-बिहार को लिखी चिट्ठी