प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(PM Narensra Modi) द्वारा 29 जून को ‘मन की बात’ (Man ki Baat)कार्यक्रम में सेहतमंद जीवनशैली अपनाने और अनहेल्दी फूड से बचने की अपील के बाद दिल्ली सरकार ने सभी स्कूलों के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी सर्कुलर में कहा गया है कि सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी स्कूल बच्चों को हेल्दी और अनहेल्दी भोजन के नफा-नुकसान के बारे में जागरूक करें। साथ ही स्कूलों को 20 सितंबर तक अपनी गतिविधियों की रिपोर्ट भी पेश करनी होगी।
सर्कुलर के अनुसार, छात्रों को प्रोसेस्ड फूड, चीनी, नमक और वसा से भरपूर खाद्य पदार्थों के खतरों के बारे में जानकारी देना जरूरी होगा। बच्चों को ‘बैगलेस डेज़’ के दौरान खाद्य पदार्थों में मिलावट, कीटनाशकों और रासायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल की जानकारी देने के साथ-साथ बाजार में उपलब्ध प्रोसेस्ड फूड के निर्माण की प्रक्रिया समझाने पर जोर दिया गया है।
दिल्ली सरकार ने सभी सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे छात्रों को प्रोसेस्ड फूड, अनहेल्दी भोजन और खाद्य सुरक्षा से जुड़ी जानकारी दें। शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी हालिया सर्कुलर में कहा गया है कि बच्चों को प्रोसेस्ड फूड के फायदे और नुकसान समझाना जरूरी है। सर्कुलर में चेतावनी दी गई है कि चीनी, नमक और वसा से भरपूर खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन सेहत के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है।
इसी कड़ी में शिक्षा निदेशालय ने हाल ही में एक सर्कुलर जारी कर सभी सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों से कहा है कि वे बच्चों को प्रोसेस्ड और अनहेल्दी फूड के नुकसान के बारे में जागरूक करें। सर्कुलर में चेतावनी दी गई है कि चीनी, नमक और वसा से भरपूर भोजन का अधिक सेवन सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है।
दिल्ली सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि बच्चों को फूड प्रोसेसिंग के वैज्ञानिक सिद्धांतों, नवाचारों और स्वास्थ्य संबंधी प्रभावों के बारे में पढ़ाना जरूरी है। इससे वे न केवल सही विकल्प चुन सकेंगे और खानपान से जुड़े मिथकों से दूर रहेंगे, बल्कि खाद्य प्रौद्योगिकी और पोषण से जुड़े करियर विकल्पों में भी रुचि विकसित कर पाएंगे।
शिक्षा निदेशालय ने स्कूलों को CBSE की पोषण संबंधी पहलों से अपनी गतिविधियों को जोड़ने का भी निर्देश दिया है। साथ ही, सभी स्कूलों को कहा गया है कि वे 20 सितंबर तक अपनी गतिविधियों का विवरण देते हुए कार्रवाई रिपोर्ट स्वास्थ्य एवं स्कूल शाखा को अनिवार्य रूप से सौंपें।
इसके अलावा स्कूलों को अपनी गतिविधियों को सीबीएसई की पोषण जागरूकता पहलों से जोड़ने के निर्देश भी दिए गए हैं। शिक्षा निदेशालय ने याद दिलाया कि स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग पहले ही तेल की खपत में 10 प्रतिशत कमी की सलाह सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भेज चुका है। निर्देश के अनुसार, सभी स्कूल प्रमुखों को 20 सितंबर तक अपनी गतिविधियों का विवरण देते हुए कार्रवाई रिपोर्ट स्वास्थ्य एवं स्कूल शाखा को अनिवार्य रूप से भेजनी होगी।
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