आर्टिफिशियल टेक्नोलॉजी (AI) इंसानों के लिए जितनी सुविधाजनक है उतनी ही खतरनाक भी है. यही वजह है कि पूरी दुनिया में इसके इस्तेमाल पर सख्त कानून बनाए जाने की मांग उठने लगी है.

Virat Kohli Deepfake AI Video: एआई टेक्नोलॉजी (AI technology) की मदद से डीपफेक वीडियो (Deepfake Video) बनाए जा रहे हैं, जो कि पूरी तरह से नकली वीडियो होते हैं. बीते साल पुष्पा और एनिमल जैसी फिल्म करने वाली रश्मिका मंधाना (Rashmika Mandhana’s Deepfake Video) का एक डीप फेक वीडियो वायरल (Viral Video) हुआ था. जिससे लोगों ने देखा कि लोग किस तरह से इसका गलत इस्तेमाल कर सकते है. रश्मिका ही नहीं महान पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर (Sachine Tendulkar) भी डीपफेक वीडियो का शिकार हो चुके हैं. सचिन तेंदुलकर के बाद अब विराट कोहली (Virat Kohli Deepfake Video) का भी एक नकली वीडियो सोशल मीडिया (Social Media) पर वायरल हो रहा है, जिसमें कोहली अधिक से अधिक पैसे कमाने के लिए एक सट्टेबाजी ऐप (Betting App) को प्रमोट करते हुए नजर आ रहे हैं.

आपको बता दें कि साइबर अपराधियों ने एआई से बनने वाली डीपफेक टेक्नोलॉजी (Deepfake Technology) का इस्तेमाल करके ऐसा वीडियो बनाया है, जिसमें पहली नज़र पर देखने में लगता है कि सच में विराट कोहली उस बेटिंग प्लेटफॉर्म का प्रचार कर रहे हैं. इस प्रमोशनल वीडियो को ज्यादा विश्वसनीय बनाने के लिए साइबर अपराधियों ने इस वीडियो को एक न्यूज़ शो का हिस्सा बनाया है, जो कि देश के एक हिंदी न्यूज़ चैनल (Hindi News Channel) पर चल रहा है.

वीडियो की शुरुआत में हिंदी न्यूज़ चैनल पर एंकर बेटिंग प्लेटफॉर्म के बारे में बताना शुरू करती हैं, और फिर विराट कोहली की वीडियो दिखनी शुरू हो जाती है. इसका मतलब है कि साइबर अपराधियों (Cyber Criminals) ने विराट कोहली और न्यूज़ एंकर दोनों का डीपफेक वीडियो बनाकर एक प्रमोशनल वीडियो (Promotional Video) तैयार किया है, ताकि विराट कोहली के फैन्स उस बेटिंग प्लेटफॉर्म से जुड़ जाए और फिर यूज़र्स के साथ धोखाधड़ी की जा सके. कोहली का ये डीपफेक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहे हैं.

Virat Kohli Deepfake AI Video

कैसे करें नकली वीडियो की पहचान?

आपको बता दें कि विराट कोहली से पहले सचिन तेंदुलकर का भी ऐसा ही एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें सचिन भी एक मनी मेकिंग प्लेटफॉर्म (Money Making Platform) का प्रमोशन करते हुए नज़र आ रहे थे, लेकिन फिर सचिन ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट (Official Twitter Account) के जरिए खुद अपनी डीपफेक वीडियो को शेयर करके जानकारी दी थी कि यह एक नकली वीडियो है. इस तरह की नकली वीडियो पहली नज़र में आपको असली लग सकती है, लेकिन अगर आप गौर से बार-बार देखेंगे तो खुद समझ जाएंगे कि उस वीडियो में कुछ गलत है. डीपफेक वीडियो को पहचानने के लिए आपको वीडियो में दिख रहे इंसान के एक्सप्रेशन्स को बार-बार गौर से देखना होगा.

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