रवि रायकवार, दतिया। देश की सबसे लोकप्रिय सीट वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उम्मीदवार हैं। 14 मई को पीएम रोड शो के बाद अपना नामांकन दाखिल करेंगे। उनके खिलाफ कांग्रेस ने अजय राय टिकट दिया है। वहीं फेमस कॉमेडियन और मिमिक्री आर्टिस्ट श्याम रंगीला भी उनके खिलाफ चुनावी मैदान में उतरे हैं। लेकिन इस बीच मध्य प्रदेश में रहने वाले एक और शख्स वाराणसी से चुनावी मैदान में उतरने जा रहे हैं, जिन्होंने 1 और 2 रुपए के सिक्कों से नामांकन फॉर्म खरीदा है। उनका कहना है कि वे जन समस्याओं को संसद में उठाने के लिए वाराणसी से चुनाव लड़ रहे हैं।
मध्य प्रदेश के दतिया के इंदरगढ़ कस्बे से समाजसेवी रामकुमार वैद्य वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने जा रहे हैं। वे सेवड़ा से विधायक सहित कई चुनाव लड़ चुके हैं। उनका कहना है कि भिंड-दतिया में कई सारे समस्याएं हैं। भ्रष्टाचार, अवैध वसूली, सड़क जाम रहना, रेलवे लाइन भिंड-दतिया से कनेक्टेड नहीं है। उन्हें ध्यान में रखते हुए वाराणसी से चुनाव लड़ रहे हैं।
सिक्के गिनने में लगे साढ़े 3 घंटे
समाजसेवी ने 25 हजार के 1 और 2 के सिक्के लेकर कलेक्टर कार्यालय गए थे। उन्होंने कार्यालय में सिक्के दिए जिसके बाद कर्मचारियों के होश उड़ गए। करीब साढ़े तीन घंटों की मेहनत के बाद 8 कर्मचारी सभी सिक्के गिन सके और उन्हें नामांकन फॉर्म दिया गया। जमा करने के लिए 14 मई को साढ़े 12 बजे का समय दिया गया है।
कोई पार्टी नहीं दे रही टिकट
उनका कहना है कि सभी पार्टियों में पैसे मांगे जाते हैं। कोई किसी बहाने तो कोई किसी बहाने से पैसे खर्च कराता है। मेरे पास 3-4 करोड़ नहीं है जो राष्ट्रीय पार्टी से टिकट मिल सके।
कॉमेडियन श्याम रंगीला को नहीं मिले 10 प्रस्तावक !
पीएम नरेंद्र मोदी की मिमिक्री कर चर्चा में आए श्याम रंगीला भी वाराणसी से चुनाव लड़ने जा रहे हैं लेकिन कहा जा रहा है कि उन्हें 10 प्रस्तावक ही नहीं मिल रहे। इस वजह से उन्हें फॉर्म नहीं दिया गया। हालांकि उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स में इसका खंडन करते हुए लिखा, वाराणसी में नामांकन फॉर्म प्राप्त करने की प्रक्रिया इतनी जटिल कर दी गई है कि फॉर्म लेना बहुत ज़्यादा मुश्किल हो गया है, घंटों लाइन में लगने के बाद चुनाव कार्यालय से कहा गया कि आप दस प्रस्तावकों के आधार कार्ड की कॉपी (हस्ताक्षर समेत) और उनके फ़ोन नंबर पहले दीजिए तभी फॉर्म के लिये ट्रेज़री चालान फ़ॉर्म मिलेगा। जबकि ऐसा कोई प्रावधान चुनाव आयोग के नियमों में नहीं है। मैं माननीय चुनाव आयोग से प्रार्थना करता हूँ कि वो वाराणसी जिला प्रशासन को उचित दिशा निर्देश देकर, इस देश के लोकतंत्र में हमारे विश्वास को मजबूती दें।
देशवासियों को जानकारी के लिए बता दें कि हमारे पास दस प्रस्तावक है लेकिन उनकी जानकारी नामांकन फॉर्म मिलने के बाद ,उसे भरकर जमा करवाते समय ही चुनाव आयोग को दी जाती है, लेकिन यहाँ ये जानकारी हमसे फॉर्म देने से पहले ही माँग रहे है, क्यों? नियमों के विपरीत हमारे प्रस्तावकों की जानकारी फॉर्म से पहले ही प्राप्त करके इनका आगे का इरादा क्या है ? हम क्यों चुनाव आयोग के नियमों के विपरीत चलें ?
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