संदीप शर्मा, विदिशा। मध्यप्रदेश के कई जिलों में देवी-देवता मंदिरों में ताले में कैद है। ऐसे मंदिरों में हिंदू धर्मावलंबियों को वहां जाकर करने की अनुमति नहीं है। कई मंदिरों में सालों से ताले लगे हुए हैं। बीच-बीच में तालाबंद मंदिरों के ताले खोलने की मांग की जाती रही है। किंतु मंदिरों के ताले खुल नहीं पाए है। लोगों को ताले बंद मंदिरों में विशेष तिथि और पर्वों पर बाहर के पूजा-अर्चना करने पड़ते हैं।

प्रदेश के रायसेन जिला में किले में स्थित सोमेश्वर महादेव मंदिर का ताला खोलने की मांग ने हाल ही में तूल पकड़ा था। बीजेपी नेत्री उमा भारती ने मंदिर पहुंचकर बाहर से ही पूजा-अर्चना की थी। उनके इस कदम को देखते हुए प्रशासन सतर्क हो गया था। अब इसी कड़ी में विदिशा में स्थित विजय मंदिर का ताला खोलने के लिए आंदोलन की शुरुआत हो गई है। इस संबंध में व्यापारियों ने प्रत्येक दुकानों में जाकर बैनर चस्पा किए हैं।

बता दें कि प्राचीन काल में सूर्य मंदिर के रूप में विजया मंदिर विकसित था। करीब पांच दशक पहले यहां नमाज पढ़ी जाती थी। जानकारी के अनुसार मुस्लिम समुदाय को ईदगाह पर जमीन उपलब्ध कराई गई, लेकिन हिंदू धर्मावलंबियों को पूजा का अधिकार नहीं दिया गया। वर्तमान में सिर्फ एक बार नाग पंचमी को मंदिर में पूजा की अनुमति है। उसमें भी बंद ताले में पूजा होती है।

आज माधवगंज में व्यापार एवं उद्योग मंडल के पदाधिकारियों ने प्रदेश अध्यक्ष राजेश जैन के साथ शहर के सभी व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर बैनर चस्पा कर विजया मंदिर के ताले खोलने की मांग को लेकर आंदोलन की शुरुआत की है। माधवगंज में नारेबाजी करते हुए यह बैनर पोस्टर दुकानों के ऊपर लगाए गए। व्यापारियों का कहना है कि पुरातत्व विभाग के अधीन यह मंदिर हिंदुओं की आस्था का प्रतीक है। ताले खोलकर मंदिर में पूजा की अनुमति दी जानी चाहिए। जानकारी राजेश जैन, प्रदेशध्यक्ष उद्योग व्यापार मंडल और राजेश जैन प्रीत, जिलाध्यक्ष उद्योग एवं व्यापार मंडल ने दी।

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