Mallikarjun Kharge: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने रविवार को केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोला. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी ने’वोट चोरी’ के बाद अब ‘सत्ता चोरी’ करने की साजिश रची है. कांग्रेस अध्यक्ष ने रविवार को दिल्ली के इंदिरा भवन में हरियाणा और मध्य प्रदेश के नए जिला कांग्रेस कमेटी (DCC) अध्यक्षों की बैठक में बोल रहे थे. उन्होंने दावा किया कि पीएम, सीएम और मंत्रियों को हटाने वाले विधेयक नागरिकों से उनकी चुनी हुई सरकार बनाने या हटाने का अधिकार छीन लेते हैं और यह अधिकार ED और CBI जैसी एजेंसियों को दे देते हैं.

‘यह लोकतंत्र पर बुलडोजर चलाने जैसा है’

उन्होंने दावा कि भाजपा ये बिल इसलिए ला रही है ताकि 30 दिनों के भीतर विपक्षी सरकारों को गिराने और गिरफ्तारी को हथियार के रूप में इस्तेमाल कर लोकतंत्र को अस्थिर कर सके. खड़गे ने आरोप लगाया, ‘यह लोकतंत्र पर बुलडोजर चलाने जैसा है.’ कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी बताया कि राहुल गांधी ने हाल ही में एक विस्तृत प्रेजेंटेशन दिया था, जिसमें दिखाया गया था कि कैसे कर्नाटक के महादेवपुरा निर्वाचन क्षेत्र में एक सुनियोजित साजिश के तहत वोट कथित तौर पर ‘चुराए’ गए. उन्होंने कहा, ‘हमें यह सब छह महीने की रिसर्च के बाद पता चला.’

हाल ही में खत्म पार्लियामेंट मानसून सेशन पर टिप्पणी करते हुए खड़गे ने कहा कि विपक्ष चाहता था कि संसद चले और प्रमुख सार्वजनिक मुद्दों पर बहस हो. लेकिन बीजेपी सरकार वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) और कथित ‘वोट चोरी’ जैसे मामलों पर चर्चा से बचती रही. उन्होंने भाजपा पर विपक्षी वोटों को कम करने के लिए वोटर लिस्ट्स के एसआईआर का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया और पार्टी कार्यकर्ताओं से वोटर लिस्ट्स पर कड़ी नजर रखने का आग्रह किया ताकि भाजपा सदस्यों या बूथ लेवल के अफसरों द्वारा कांग्रेस समर्थकों के नाम हटाने के किसी भी कोशिश का तुरंत पता लगाया जा सके.

‘मतदाता अधिकार यात्रा’

खड़गे ने बिहार में राहुल गांधी की चल रही ‘मतदाता अधिकार यात्रा’ पर भी प्रकाश डाला और कहा कि कथित मतदाता हेरफेर के विरोध में इसमें लाखों लोग शामिल हो रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘लेकिन प्रधानमंत्री लोगों को गुमराह करने के लिए घुसपैठियों की बात कर रहे हैं’. उन्होंने आगे कहा कि, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में एक विधेयक पेश किया, जिसमें प्रस्ताव दिया गया है कि गंभीर आरोपों में लगातार 30 दिनों तक गिरफ्तार रहने वाले प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्री 31वें दिन खुद ही पद से हट जाएंगे.

नए बिल का विपक्षी पार्टियों का विरोध

इस कदम का विपक्षी सांसदों ने तीखा विरोध किया और लोकसभा में विधेयकों की कॉपी फाड़ दीं. अब इस बिल को जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेज दिया गया है. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा ने संसद के आखिरी दिन तीन नए बिल पेश किए, जिनमें से एक संविधान संशोधन विधेयक भी शामिल है. जबकि उसके पास दो-तिहाई बहुमत नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी गिरफ्तारी को सियासी हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रही है.

उन्होंने कहा, ‘हमने देखा है कि विपक्षी नेताओं के खिलाफ 193 मामलों में से ईडी की कार्रवाई से सिर्फ दो मामलों में ही दोषसिद्धि हुई है. कई मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को गिरफ्तार किया गया और महीनों तक जेल में रखा गया, लेकिन अब सीबीआई कह रही है कि उनके पास कोई सबूत नहीं है.’

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