रायपुर. सुपेबेड़ा में जिस तरह से किडनी की बीमारी से लोगों की एक के बाद एक मौत होती जा रही है, ठीक वैसे ही हालात सुकमा में बन गया है. जिस पानी को पीकर हम अपना प्यास बुझाते हैं, वही पानी जानलेवा साबित हो रहा है. उस पानी को पीकर एक के बाद एक लगातार सुकमा में मौत हो रही है. मौत के कारण दहशत का माहौल है. पिछले दो सालों में 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. हाल में ही दो दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. फिर मामला प्रकाश में आया तब जाकर स्वास्थ्य विभाग सक्रिय हुआ है.
स्वास्थ्य विभाग के लिए बड़ी चुनौती के बीच मौत के कारण का प्राथमिक जांच में अब पहचान हो गई है. स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि सुकमा जिले में किडनी रोगों से प्रभावितों के गांव के पानी की प्रारंभिक जांच में आयरन और फ्लोराइड की अधिकता पाई गई है. वहां के जल में अन्य भारी तत्वों की जांच के लिए सैंपल लैब भेजा गया है, जिसकी रिपोर्ट तीन दिन में आने की उम्मीद है. सुकमा जिला प्रशासन को इस संबंध में अलर्ट करने के साथ ही प्रभावितों को राहत पहुंचाने के निर्देश दिए गए हैं.
इस मामले को लेकर राज्य के महामारी नियंत्रक डॉ. सुभाष मिश्रा ने कहा कि किडनी खराब होने के कई वजह होते हैं, जिसमें आयरन और फ्लोराइड का पानी में अधिक होना. यूरिया युक्त शराब सेवन करना जैसे स्थानीय अधिकारियों के द्वारा जानकारी मिल रही है. फिलहाल शिविर लगाकर उपचार दिया जा रहा है. सैंपल लेकर रायपुर लाया गया है. जांच के बाद ही और क्या-क्या कारण है, इसका पता चल पाएगा.
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