पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के मालगांव में कुछ दिन पहले नेशनल हाइवे पर पूल में टहल रहे युवक की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी. घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने जिला अस्पताल में जमकर हंगामा कर तोड़फोड़ किया था. वहीं अस्पताल में उत्पात मचाने वाले 15 से अधिक उपद्रवियों के खिलाफ सिटी कोतवाली पुलिस ने 8 गंभीर धाराओं के तहत केस दर्ज किया है. मामले में पहचान के बाद आरोपियों की संख्या और बढ़ सकती है.

दरअसल, नेशनल हाइवे 130 सी में मालगांव के युवक की सड़क हादसे में मौत के बाद जिला अस्पताल में उपद्रवियों ने जमकर तोड़ फोड़ किया था. नशे की हालत में 20 से 25 ग्रामीणों ने ऐसा हंगामा किया कि रात्रि कालीन ड्यूटी में तैनात 3 महिला स्टाफ ने बाथरूम में छिपकर अपने आप को बचाया था.

पुलिसकर्मी और अन्य स्वास्थकर्मियों के साथ धक्का-मुक्की भी की गई थी. फर्नीचर और शीशे तोड़ दिए गए थे. अगले दिन 31 अगस्त को मामले की सूचना अस्पताल कर्मियो ने कलेक्टर और एसपी को दी गई थी. सीसी टीवी फुटेज की जांच के बाद पुलिस ने मालगांव के लगभग 15 आरोपियों के खिलाफ विभिन्न गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया था.

दर्ज किए गए तीन एफआईआर

एसडीओपी पुष्पेंद्र नायक ने बताया कि कोतवाली में अब तक कुल 3 एफआईआर दर्ज की गई है. पहली एफआईआर डोमन निषाद पिता कन्हैया की शिकायत पर वाहन क्रमांक CG04 डीसी 2560 के खिलाफ आईपीसी की धारा 271,304 ए के तहत मामला दर्ज किया गया.

दूसरी एफआईआर स्वास्थ्य कर्मी नीतू ध्रुव की शिकायत पर मृतक हुमन निषाद के परिजन और वीर सेन,अर्जुन सेन, संतोष निषाद, दुर्गेश यादव, कमल निषाद ,ईश्वर निषाद ,दीपक निर्मलकर, लक्ष्मी यादव ,वीरू ध्रुव, बल्लू ध्रुव , भीम निषाद,ओमान नेताम,श्रवण सेन , करम निषाद सहित अन्य पर आईपीसी की धारा 147,149,152, 186, 294, 332,353,506 के तहत मामला दर्ज किया है.

इसके अलावा तीसरी एफआईआर में भागवत देवांगन पिता अवध राम देवांगन की शिकायत पर ह्यूमन निषाद के रिश्तेदार डोमन निषाद एवं ग्राम मालगांव के अन्य ग्रामीणों पर आईपीसी की धारा 147,149,294,307,323 के तहत मामला दर्ज किया है. घटना के बाद पुलिस ने हॉस्पिटल में दर्ज कई सीसी टीवी फुटेज और अन्य माध्यमों से आरोपियों की पहचान की है. पुलिस ने बताया की मामले में अभी और भी धाराएं और आरोपियों के नाम जोड़े जाएंगे.

चौकी की मांग पर अड़े थे कर्मी, प्रशासन ने मना लिया

30 अगस्त की रात जैसी घटना जिला अस्पताल में बार बार हो रहा था. जान पर खतरा मंडराता देख आज सुबह से स्वास्थ्य कर्मी लामबंद हो गए. सुबह आंशिक रूप से काम बंद कर बैठक का दौर भी शुरू हो गया. सिविल सर्जन के नाम स्टाफ ने ज्ञापन भी सौंप दिया, जिसमें साफ लिख कि घटना की पुनरावृत्ति से असुरक्षित महसूस किया जा रहा है. 30 अगस्त की रात की घटना का पूरा वृतांत लिखा गया.

सुरक्षा बढ़ाने के अलावा चौकी की मांग तक कर दी गई. मांग 72 घंटे में पूरी नहीं हुई तो रात्रि कालीन सेवा में कर्मी नहीं आने की चेतावनी दे दी गई. लेटर अस्पताल प्रबंधन से प्रशासन के पास पहुंचती उससे पहले ही प्रशासन ने मामला संभाल लिया. एसडीएम भूपेंद्र साहू और एसडीओपी पुष्पेंद्र नायक ने अपनी सूझबूझ से कर्मियों को मनाने में सफल रहे. अफसरों ने अब तक की गई कार्रवाई से अवगत कराया.

3 घंटे तक चली बैठक में सुरक्षा बढ़ाए जाने पर सहमति बनी. कर्मियों ने अपना ज्ञापन वापस ले लिया. एडिशनल एस पी देवचरन पटेल ने कहा कि चौकी की प्रक्रिया लंबी है. पर्याप्त सुरक्षा दी जाएगी. गश्त बढ़ाया जाएगा. उपद्रवियों पर कार्रवाई जारी है. अब तक 15 लोगों पर कार्रवाई हो चुकी है. पहचान के बाद सभी उपद्रवियों पर कार्रवाई की जाएगी.

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