लुधियाना। 6 फरवरी को राहुल गांधी ने पंजाब में सीएम फेस के लिए चरणजीत सिंह चन्नी के नाम का ऐलान कर दिया. इस ऐलान के साथ ही चन्नी की विनम्रता भी लोगों को भा गई. सीएम फेस घोषित होने के बाद मौजूदा मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कांग्रेस के पंजाब प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू के पैर छुए. ऐसा करके उन्होंने एक बार फिर लोगों को चौंका दिया. ऐसा पहली बार नहीं है. इससे पहले भी कभी स्टेज पर भंगड़ा तो कभी गोलकीपर बनकर वह सबको चौंकाते रहे. कभी अचानक किसानों के बीच पहुंचकर उनकी समस्याएं सुनने लगते, तो कभी चाय की दुकान पर आम लोगों के साथ चाय पीने लगते. कभी बच्चों को अपने हेलीकॉप्टर की सैर कराने का, तो वहीं अपने ही बेटे की शादी में जमीन पर बैठकर पंगत में भोज खाते वीडियो लगातार वायरल होते रहे. साढ़े 4 साल CM रहे कैप्टन अमरिंदर सिंह की ‘महाराजा’ छवि को चन्नी ने 111 दिन में तोड़ डाला. इतने कम समय में वे लोकप्रिय हो गए और पंजाब की राजनीति के केंद्र बन गए.

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सबसे अहम उनके वह फैसले रहे, जिनकी बदौलत चन्नी घर-घर तक पहुंच गए. चन्नी ने आम आदमी की ऐसी छवि गढ़ी कि विरोधी तक बौखलाकर रह गए. चन्नी के राजनीतिक दांव-पेंच ने कांग्रेस को इतना मजबूर कर दिया कि फायरब्रांड नेता नवजोत सिंह सिद्धू दरकिनार हो गए. जबकि शुरू से सिद्धू की महत्वाकांक्षा सीएम बनने की थी, कैप्टन को भी उन्हीं की वजह से मुख्यमंत्री की कुर्सी गंवानी पड़ी थी. वहीं लगातार सिद्धू खुद को सीएम पद के दावेदार बताते रहे, लेकिन आखिरकार कांग्रेस हाईकमान ने कार्यकर्ताओं और जनता की पसंद को समझा और चन्नी को सीएम फेस घोषित कर दिया.

राहुल गांधी के फेवरेट रहे चन्नी

चन्नी राहुल गांधी के फेवरेट रहे हैं. हालांकि, पंजाब की राजनीति में जट्‌टसिख लॉबी के दबदबे की वजह से वह कभी आगे न आ सके. फिर भी जब मौका मिला, राहुल गांधी उन्हें आगे बढ़ाने से नहीं चूके. 2012 में सुनील जाखड़ पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता थे. अचानक गांधी ने 2015 में जाखड़ को हटा चरणजीत चन्नी को विपक्ष का नेता बना दिया. विरोधियों समेत कांग्रेस के लिए भी यह चौंकाने वाला फैसला था.

 

इस तरह दिग्गजों के बीच CM की कुर्सी चन्नी को मिली

18 सितंबर को जब कैप्टन अमरिंदर सिंह को मजबूर होकर इस्तीफा देना पड़ा, तो अगले CM की रेस में सबसे आगे सुनील जाखड़ थे. अचानक सिख स्टेट-सिख सीएम का मुद्दा उठा. फिर सुखजिंदर रंधावा और नवजोत सिद्धू के नाम चले. अचानक राहुल गांधी को चन्नी का ख्याल आया. पंजाब में 32% दलित वोट बैंक का गणित भी उनके पक्ष में था. गांधी ने सीधे चन्नी को फोन मिलाया और कहा कि आप पंजाब के अगले CM बन रहे हैं.

सीएम बनने के बाद लिए ताबड़तोड़ फैसले

चन्नी ने CM की कुर्सी संभाली तो 100 दिन में ही 100 फैसले निपटा डाले. इसमें पानी-बिजली बिल माफी, सस्ता पेट्रोल-डीजल, बेघर लोगों को जमीन का मालिकाना हक जैसे कई ऐसे फैसले थे, जो सीधे जनता से जुड़े थे. नवजोत सिद्धू के मामले में चन्नी ने जो संयम दिखाया, उसने भी कांग्रेस हाईकमान को प्रभावित किया. सिद्धू लगातार उनके फैसलों पर सवाल उठाते रहे. सार्वजनिक तौर पर कमजोर बताते रहे. इसके उलट चन्नी ने कभी सिद्धू के खिलाफ कुछ नहीं कहा. यह उनकी सियासी समझ थी कि वह जब भी सिद्धू से जुड़ा सवाल हुआ तो उन्होंने संयमित तरीके से जवाब दिया.

 

PM सुरक्षा चूक पर दिखाई राजनीतिक चतुराई

PM नरेंद्र मोदी की सुरक्षा चूक का मामला उठा तो चन्नी डिफेंसिव की जगह अटैकिंग रुख में दिखे. सफाई देने की जगह उन्होंने कुछ ही मिनट में इसे पंजाब से जोड़ दिया. बोले कि वह पंजाब के किसानों पर लाठी-गोली नहीं चला सकते थे. फिर पंजाब और पंजाबियों को बदनाम न करने को कहा. यही नहीं रैली में कहा कि अगर PM की सुरक्षा को खतरा होता तो पहली गोली वह खुद खाते. चन्नी का यह जवाब पंजाबियों को खूब रास आया.