नई दिल्ली . Old vs New Tax Regime: आयकर व‍िभाग की तरफ से नौकरीपेशा और कंपन‍ियों के ल‍िए नया आदेश जारी क‍िया गया है. इनकम टैक्‍स ड‍िपार्टमेंट की तरफ से कहा कि गया क‍ि Employer को कर्मचारियों से चालू वित्त वर्ष में कर्मचारियों से उनकी पसंदीदा टैक्‍स र‍िजीम के बारे में पूछना होगा. उसके अनुसार ही इनकम पर टैक्‍स ड‍िडक्‍शन (TDS) करना होगा.

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने चालू वित्त वर्ष में नियोक्ताओं द्वारा स्रोत पर कर कटौती के बारे में स्पष्टीकरण जारी किया. स्पष्टीकरण के मुताबिक, नियोक्ताओं को अपने प्रत्येक कर्मचारी से उनकी मनपसंद कर व्यवस्था के बारे में जानकारी लेनी होगी और अपनाई गई कर व्यवस्था के अनुसार टीडीएस कटौती करनी होगी.

1 फरवरी 2023 को पेश आम बजट में व‍ित्‍त मंत्री न‍िर्मला सीतारमण ने न्‍यू टैक्‍स र‍िजीम में टैक्‍स स्‍लैब कम करके इसे ड‍िफॉल्‍ट टैक्‍स र‍िजीम बनाने की बात कही थी. न्‍यू टैक्‍स र‍िजीम में टैक्‍स कम है लेक‍िन क‍िसी तरह की छूट नहीं है. पुरानी कर व्‍यवस्‍था में आपको तमाम सेक्‍शन के अंतर्गत टैक्‍स छूट म‍िलती है.

न्यू टैक्स रिजीम में टैक्स स्लैब

न्यू टैक्स रिजीम में टैक्स स्लैब सात से घटाकर छह कर दिया गया है. अब इसमें 3 लाख तक की आय टैक्सफ्री है. पुरानी टैक्स रिजीम में ढाई लाख तक की आय टैक्सफ्री होती है. 3 लाख से 6 लाख पर 5%, 6 लाख से 9 तक की आय पर 10%, 9 लाख से 12 लाख तक की आय पर 15%, 12 लाख से 15 लाख की आय पर 20%, 15 लाख से ऊपर की आय पर 30% टैक्स लगेगा.

ओल्‍ड टैक्‍स रिजीम

2.5 लाख तक- 0 फीसदी टैक्स

2.5 लाख से 5 लाख तक- 5 फीसदी टैक्स

5 लाख से 10 लाख तक- 20 फीसदी टैक्स

10 लाख से ऊपर- 30 फीसदी टैक्स

इनकम टैक्‍स ड‍िपार्टमेंट की तरफ से कहा गया क‍ि यदि कर्मचारी एम्प्लायर को अपनी पसंद की टैक्‍स र‍िजीम नहीं बता पाता. ऐसे में एम्प्लायर को आम बजट 2023-24 में घोषित न्‍यू टैक्‍स र‍िजीम के अनुसार वेतन से टीडीएस की कटौती करनी होगी. पर्सनल टैक्‍सपेयर्स के पास यह स‍िलेक्‍ट करने का ऑप्‍शन है क‍ि वे छूट और कटौती की पेशकश करने वाली ओल्‍ड टैक्‍स र‍िजीम में रहना चाहते हैं या न्‍यू टैक्‍स र‍िजीम को फॉलो करना चाहते हैं.