बिलासपुर। बलौदाबाजार के अलावा सुकमा में मध्याह्न भोजन के दौरान बरती गई लापरवाही बच्चों के लिए घातक हो सकती है. इन घटनाओं पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया था, जिसके बाद अब चीफ सेक्रेटरी ने सभी विभागाध्यक्षों के लिए खाद्य सुरक्षा प्रोटोकाल जारी किया है. इसमें निर्देशों का परिपालन ना करने की स्थिति में कार्रवाई भी तय की गई है.

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बता दें कि 17 सितंबर को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए 26 अगस्त को आदेश पारित कर भोजन परोसने में सावधानी तथा सुरक्षा बरतने के संबंध में निर्देश दिए थे. इसके मद्देनजर चीफ सेक्रेटरी ने प्रिंसिपल सेक्रेटरी से लेकर प्रदेशभर के कलेक्टर, एसपी व आला अफसरों को लिख में पत्र में डिवीजन बेंच के निर्देश का उल्लेख करते हुए लिखा है.

लगातार सामने आ रहे मामले

बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के पलारी विकासखंड के ग्राम लछनपुर स्थित मिडिल स्कूल में मध्याह्न भोजन के लिए बनाए गए सब्जी को एक घुमंतू कुत्ता जूठा कर दिया था. इसे देखकर कुछ बच्चों ने शिक्षकों को सूचित किया. शिक्षकों ने रसोइया समूह की महिलाओं को जूठी सब्जी बच्चों को न परोसने का निर्देश दिया, लेकिन फिर भी महिलाओं ने सब्जी जूठी होने से इंकार करते हुए जबरदस्ती 84 बच्चों को वही सब्जी परोस दी.

बच्चों ने जब घर जाकर यह बात अभिभावकों को बताई, तो ग्रामीणों और अभिभावकों ने स्कूल पहुंचकर शिक्षकों और शाला समिति के अध्यक्ष झालेंद्र साहू से इसकी शिकायत की. स्कूल प्रशासन ने बताया कि उन्होंने रसोइयों को जूठा खाना न परोसने के लिए मना किया था, लेकिन उन्होंने अनसुना कर दिया. इसके बाद अभिभावक बच्चों को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले गए, जहां डॉक्टर वीणा वर्मा ने 78 बच्चों को एंटी-रेबीज का टीका लगाया था.

सुकमा जिले के पाकेला आवासीय पोटाकेबिन स्कूल में यह घटना 21 अगस्त 2025 को घटित हुई बताई गई है. 21 अगस्त, 2025 की रात को एक घटना घटी जिसमें 426 छात्रों के लिए पकाई गई सब्जियों में फिनाइल मिला हुआ पाया गया.

आवासीय विद्यालय के अधीक्षक के अनुसार, 426 छात्रों के लिए रात के खाने में कुल 48 किलो बींस की सब्जी पकाई गई. अगर गंध का पता नहीं चलता, तो उन सभी छात्रों की जान जा सकती थी. सुकमा के कलेक्टर ने तुरंत घटना की जांच के आदेश दिए. सब-डिवीज़नल मजिस्ट्रेट SDM, एक डीएमसी और एक एपीसी की टीम गठित की. एक छात्र ने एक व्यक्ति को गमछे से अपना चेहरा ढके हुए देखा, जो सब्जी में कुछ मिला रहा था.

सुकमा जिले में ही बालक आश्रम मानकापाल में छात्रों को केवल नमक और चावल परोसने का मामला उजागर हुआ था. इस मामले की शिकायत पर जिला प्रशासन ने तुरंत संज्ञान लेते हुए जांच करवाई.

कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव के निर्देश पर सहायक आयुक्त हेमंत सिन्हा और मंडल संयोजक ने जांच की, जिसमें आरोप सही पाए गए. इसके बाद प्रभारी अधीक्षक जय प्रकाश बघेल को सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 का उल्लंघन तथा पदीय कर्तव्यों में घोर लापरवाही बरतने का दोषी मानते हुए तत्काल निलंबित कर दिया गया था.

डिवीजन बेंच ने जारी किया निर्देश

हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने चीफ सेक्रेटरी निर्देश दिया गया है कि वे भोजन, खाद्य पदार्थ तैयार करने या परोसने में शामिल सभी हितधारकों को उचित निर्देश जारी करें, चाहे वे स्कूल, छात्रावास, आंगनबाड़ी केंद्र या ऐसे अन्य स्थान हों जहां छोटे बच्चों, छात्रों को भोजन दिया जाता है. भोजन को स्वच्छ वातावरण में और स्वास्थ्यकर तरीके से पकाया जाए तथा सभी आवश्यक सावधानियां बरती जाए. वह किसी भी प्रकार के रासायनिक पदार्थों से दूषित न हो, या जानवरों द्वारा गंदा न हो, कीड़ों आदि से संक्रमित न हो. थोड़ी सी भी लापरवाही बच्चों के जीवन के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकती है, जिससे राज्य और प्रशासन को गंभीर शर्मिंदगी उठानी पड़ सकती है.