रायपुर-राजधानी रायपुर में पीलिया का कहर बढता ही जा रहा है,हर दिन पीलिया के मरीजों की संख्या बढती जा रही है,बीते शनिवार एक गर्भवती महिला की पीलिया से मौत हो गई,जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया है,रायपुर कलेक्टर ओ.पी.चौधरी ने आज आपातकालीन बैठक बुलाकर सभी जोन में समन्वयक सेंटर बनाने की बात कही है,बैठक में महापौर प्रमोद दुबे के साथ ही महिला एवं बाल विभाग के अधिकारी भी मौजुद थे.
कलेक्टर ने कहा कि जोन क्रमांक-2 कांपा क्षेत्र, नहरपारा और पाण्डेयपारा में पीलिया के मरीज मिले है, वहां नगरनिगम द्वारा नालियों की साफ-सफाई और नालियों से गुजरे पाईप लाईन को उपर किए जाने का कार्य किया जा रहा है उसे युद्ध स्तर पर किया जाए साथ ही निजी नल कनेक्शन के पाईप भी जो पुराने या खराब हो गए है उन्हें बदलने के लिए लोगों को कहा जाए। हेण्डपंप और पावरपंपों का भी क्लोरीनीकरण किया जाए।
प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा पर्याप्त मात्रा में क्लोरीन टेबलेट का वितरण किया जाए। लोगों को पोस्टर और मुनादी आदि के माध्यम से जागरूक किया जाए कि पानी को उबालकर पिएं और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें। खुले में लोग शौच न करें। खुले में रखी, बासी व सड़ी-गली खाद्य सामग्रियों का सेवन न करें।
कलेक्टर ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रभावित क्षेत्रों में लोगों के स्वास्थ्य पर निरंतर नजर रखी जाए। पीलिया के मरीज मिलने पर तुरंत उन्हें आवश्यक उपचार प्रदान किया जाए। सभी शहरी स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सा अधिकारी, फार्मास्टि, एएनएम और मितानिन की एक-एक कॉम्बेट टीम भी तैनात की गई है जो समन्वय सेंटर के संपर्क में रहकर चिकित्सा सेवाएं मुहैया कराएंगी।
कलेक्टर ने महिला एवं बाल विकास विभाग के मैदानी अमलों को प्रभावित क्षेत्रों में घर-घर भम्रण कर लोगों को पानी को उबालकर पीने और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने के लिए जागरूक करने को कहा है। पीलिया से गर्भवती माताओं को अधिक खतरा होता है। कलेक्टर ने महिला एवं बाल विकास विभाग को प्रभावित क्षेत्रों की गर्भवती माताओं के स्वास्थ्य पर विशेष नजर रखने और किसी भी तरह के लक्षण दिखने पर उन्हंे तत्काल चिकित्सालयों में ले जाने को कहा है। कलेक्टर ने कहा कि मितानिनों को पर्याप्त संख्या में पानी टेस्टिंग किट उपलब्ध कराया जाए जिससे अधिक संख्या में पानी के सेंपलों की जांच हो सके। कलेक्टर ने अधिकारियों को वर्फ फैक्टरियों, गन्ना ठेले और खुले में खाद्य सामग्री बेचने वाले ठेलों की भी जांच कर अस्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थो की बिक्री पर रोक लगाने के निर्देश दिए है।