शुभम जायसवाल, राजगढ़। कुत्तों को सबसे वफादार प्राणी माना जाता है। पौराणिक कथाओं में भी इस जानवर की वफादारी के किस्से लिखे गए हैं जो कलयुग के समय में भी देखने को मिल रहा है। इससे जुड़ा एक मामला सामने आया है, जहां एक कुत्ते ने रिटायर्ड शिक्षक की दी हुई रोटी का कर्ज उसके अंतिम समय में साथ देकर किया। वफादार साथी अपने मालिक की मृत्यु के बाद उसके अंतिम यात्रा में शामिल होता है। यह देखकर हर किसी के आंसू छलक पड़े। 

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दरअसल के.के.नागर एक रिटायर्ड शिक्षक थे। वे एक कुत्ते को दो वक्त रोटी खिलाया करते थे। लंबी बीमारी की वजह से अचानक निधन हो गया। जिसके बाद उनके रिश्तेदार उन्हें अंतिम संस्कार के लिए लेकर जा रहे थे। इस दौरान वह कुत्ता भी उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हो गया।

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परिवार के लोग मृतक को शव वाहन में लेकर जा रहे थे। लेकिन कुत्ते ने मालिक की मौत के बाद भी उसने साथ नहीं छोड़ा और गाड़ी के पीछे भागता रहा। इसके बाद वह मुक्तिधाम तक पहुंचा। इतना ही नहीं, जब तक उसकी अंतिम क्रिया पूरी नहीं हो गई, वह वापिस नहीं आया। इसका वीडियो भी सामने आया, जिसके बाद यह देखकर हर कोई कुत्ते और रिटायर्ड शिक्षक की इस दोस्ती की मिसाल दे रहा है। साथ ही कुत्ते की वफादारी के चर्चे भी अब क्षेत्र में चर्चित है। 

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