राम कुमार यादव, जशपुर- बीजापुर जिले के तेलंगाना से लगी सीमा में हुए नक्सली हमले में जशपुर के अरविंद मिंज शहीद हो गए. आज उनका पार्थिव शरीर सेना के हेलीकाप्टर से दरिमा एयरपोर्ट लाया गया.  जहां से शहीद का शव उनके गृहग्राम खारीझरिया के लिए रवाना किया गया. ग्रामीण अपने लाल का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. रात 7 बजे पार्थिव शरीर खारीझरिया पहुंचा. और पूरा मौहाल गमगीन हो गया.बीजापुर जिले के डीएफ में पदस्थ अरविंद मिंज अपने पीछे माता-पिता, भाई सहित पत्नी व  दो छोटे बच्चे  छोड़ गए हैं. उनके भाई भानुप्रतापपुर में सीमा सुरक्षा बल के रूप में तैनात है. पत्नी बिलासपुर में शिक्षाकर्मी के रूप में अपनी सेवाएं दे रही हैं. शहीद अरविंद का शव लेने परिवार के कई सदस्य अंबिकापुर पहुंचे थे. अरविंद के चाचा के मुताबिक सोशल मीडिया द्वारा उनकी शहादत की खबर शनिवार को ही मिल गई थी.  लेकिन शहीद होने की खबर उनकी पत्नी और बच्चों को आज दी गई.

रविवार दोपहर शहीद अरविंद का पार्थिव शरीर जैसे ही अंबिकापुर के दरिमा एयर स्ट्रिप पर पहुंचा. उनके अंतिम दर्शन के लिए परिवार वालों के साथ जशपुर और सरगुजा पुलिस के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे. सरगुजा एसपी ने भी उनकी शहादत पर उनको सैल्यूट किया.

दक्षिण बस्तर में नक्सलियों की कहर कम होने का नाम नहीं ले रही है. जिसके कारण एक बार जशपुर के एक सपूत को अपनी कुर्बानी देनी पडी है. बहरहाल शहीद अरविंद का शव उनके गृहग्राम पहुंचने के बाद अंतिम संस्कार के लिए रखा जाएगा. मिली जानकारी के मुताबिक सोमवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा.

खारीझरिया गांव देश प्रेम से ओतप्रोत

शहीद मिंज के गांव खारीझरिया की पहचान सैनिक के गांव के रूप में है. गांव के युवाओं में देश प्रेम के प्रति गजब का जुनून है. यहां के 32 युवा पुलिस व अर्धसैनिक बलों में शामिल होकर देश की सुरक्षा में तैनात हैं. इस गांव में अरविंद से पहले 2002 में दंतेवाड़ा के नक्सल हमले में जवान मार्टिन एक्का ने शहादत दी थी.