दिलीप साहू,बेमेतरा.  जिले के 8 लोगों ने मोतियाबिंद का ऑपरेशन रायपुर के एक निजी अस्पताल  में कराया था, लेकिन ऑपरेशन के बाद लोगों का साफ दिखने के बजाए अंधकार छा गया, या धुंधला दिखाई पड़ रहा है. आंखों में आई इस खराबी से लोग परेशान हो गए.  अब पीड़ित इस मामले में एफआईआर करने की तैयारी कर रहे हैं. जिसके बाद से अस्पताल प्रबंधन में हड़कंप मचा हुआ है.

जानकारी के मुताबिक बेमेतरा के बेरला ब्लॉक के देवदा, सीलघट, कोटा, भीभौरी के 8 लोगों ने बीते जनवरी-फरवरी माह में मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराया था. राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत रायपुर के एक निजी अस्पताल में इनका ऑपरेशन किया गया. सभी मरीजों के मोतियाबिंद ऑपरेशन पांच महीने से साल भर के अंतराल में किया गया है.

सिलहट के ग्रामीण व पीड़ित राजू मरकाम का मोतियाबिंद ऑपरेशन 20 जनवरी को किया गया था उसके बाद 22 जनवरी को डिस्चार्ज किया गया उसके बाद 2 दिन के बाद दिखना बंद हो गया था. पीड़ित मरीजों का कहना है कि एक महिला कर्मचारी हमें लेकर आई थी. निजी अस्पताल के कर्मचारी बेरला गांव के मरीजों को झांसे में लेकर इलाज कराने ले जा रहे है 3 महीने पहले भी 4 लोगों को इलाज के लिए ले जाया गया था.

स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत बेमेतरा जिला के लिए बिलासपुर, रायपुर व राजनांदगांव के 6 अस्पतालों से एग्रीमेंट है. इसके तहत ही मरीजों का इलाज किया गया. गलत इलाज होने का खामियाजा अब मरीज भुगतना पड़ रहा है. भिंभौरी ब्लॉक के ग्राम सिलघट में 5, देवादा में 2 भिंभौरी में एक मरीज की आंख खराब हो गई.  प्रदेश में इस तरह के कई मामले पहले भी सामने आ चुके हैं.