नई दिल्ली। अभी पंजाब नेशनल बैंक में हुए 11,300 करोड़ रुपए के घोटाले का मामला शांत भी नहीं हुआ कि अब ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स में भी घोटाला उजागर हो गया है. 390 करोड़ रुपए के घोटाले के मामले में ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स की शिकायत को पिछले 6 महीने से दबाए रखने का आरोप सीबीआई पर लगा है. अब जाकर सीबीआई ने एक केस दर्ज किया है. सीबीआी ने दिल्ली स्थित एक जूलरी आउटलेट के खिलाफ ये केस दर्ज किया है.

गुरुवार को सीबीआई ने करोल बाग स्थित द्वारका दास सेठ इंटरनेशनल के खिलाफ केस फाइल किया. ये कंपनी डायमंड, गोल्ड और सिल्वर जूलरी की मैन्युफैक्चरिंग और ट्रेडिंग का काम करती है.

इस कंपनी ने ओबीसी की ग्रेटर कैलाश-II स्थित ब्रांच से 2007 में फॉरन लेटर ऑफ क्रेडिट, फॉरन हासिल करने के बाद कई तरह से लोन हासिल किया. इस कंपनी का संचालन सभ्य सेठ और रीता सेठ करते हैं, जो पंजाबी बाग में रहते हैं. वहीं कृष्ण कुमार सिंह और रवि कुमार सिंह भी इस कंपनी से जुड़े हैं, जो सराय काले खां के रहने वाले हैं. सीबीआई ने अपनी एफआईआर में इन सभी के नाम दर्ज किए हैं.

बैंक ने अपनी जांच के बाद दावा किया था कि सभ्य सेठ और कंपनी के अन्य डायरेक्टर्स को बीते 10 महीनों से उनके घरों पर नहीं पाया गया है. बैंक ने अपनी जांच में संदेह जताया है कि सभ्य सेठ भी नीरव मोदी और विजय माल्या की तरह भारत से फरार हो चुके हैं.

सरकारी क्षेत्र के बैंक ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स ने 16 अगस्त 2017 को सीबीआई से द्वारका दास सेठ इंटरनेशनल के खिलाफ शिकायत की थी. बैंक का दावा है कि द्वारका दास सेठ इंटरनैशनल ने लेटर ऑफ क्रेडिट के तहत कई क्रेडिट फैसिलिटीज का लाभ उठाया है.