नीरज काकोटिया, बालाघाट। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व (एसटीआर) में एक बाघिन की मौत के बाद बालाघाट के दक्षिण सामान्य वन मंडल के अंतर्गत वन परिक्षेत्र लालबर्रा के चिखलाबडडी के सोनेवानी जंगल में भी एक बाघ की मौत हो गई है। सोनेवानी जंगल में रविवार को बाघ का शव मिला। बाघ के शव का पोष्टमार्टम करवाने के बाद वन विभाग ने विधि विधान के साथ शव का अंतिम संस्कार कर दिया। वहीं प्रदेश में एक दिन में दो बाघ के शव मिले हैं।
वहीं बाघ की मौत के चलते वन विभाग की कार्यप्रणाली को लेकर भी सवाल उठने लगा हैं। चूंकि बालाघाट को टाईगर की मौजूदगी के लिये पहचाना जाता हैं।यहां पर आये दिन कहीं ना कहीं बाघ, तेंदुआ या अन्य वन्य प्राणियों के शव मिलने के मामले सामने आते रहते हैं। यह विभागीय लापरवाही को उजागर करने वाला है।
मिली जानकारी के मुताबिक वन परिक्षेत्र लालबर्रा के चिखलाबडडी के सोनेवानी जंगल में बाघ का शव होने की सूचना सामने आने के बाद वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी सीसीएफ सहित मय अमला मौके पर पहुंचें। जहां पर बाघ का शव बरामद कर पंचनामा कार्रवाई की। शव को लेकर चिकित्सीय परीक्षण कराया गया। इसके बाद उसका दाह संस्कार कर दिया गया। जांच के लिए डॉग स्कॉट भी बुलाया गया। साथ ही बिसरा को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। जिससे मौत की वजह स्पष्ट हो सके।
सीसीएफ नरेंद्र कुमार सनोडिया ने बताया कि बाघ की मौत की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी हैं। हालांकि प्रारभिक जांच में आपस में शिकार के लिये बाघों के बीच लड़ाई होने के चलते एक बाघ की मौत होने की संभावना जताई जा रही है।
Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें