लोकेश साहू, धमतरी। मानसून के सक्रिय होते ही धमतरी जिले में लगातार 12 घंटे तक झमाझम बारिश हुई है. जिससे खेत और छोटे-मोटे तालाब लबालब हो गए हैं. प्रदेश के सबसे बड़े बांध गंगरेल में भी पानी की आवक का सिलसिला शुरू हो गया. बीते 24 घंटे में गंगरेल बांध के केचमेंट एरिया में 95 मिलीमीटर बारिश हुई है. जिसके बाद आज सुबह 7 बजे प्रति सेकंड 6388 क्यूसेक पानी की आवक होने लगी. इस समय बांध में जलस्तर 342.70 मीटर रिकॉर्ड किया गया. दोपहर 3 बजे जलस्तर 342.78 मीटर तक पहुंचने के साथ ही बांध 10.832 टीएमसी उपयोगी पानी सहित कुल 15.903 टीएमसी जलभराव हो गया. इस तरह जलस्तर में हर घंटे 1 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी हो रही है. जलसंसाधन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी स्थिति पर लगातार निगरानी बनाये हुए हैं.
जल्द लबालब हो सकता है बांध
कुल 32.150 टीएमसी क्षमता वाले गंगरेल बांध में जलभराव की स्थिति पिछले साल से काफी बेहतर है. पिछले साल 22 जून 2019 को गंगरेल बांध का जलस्तर 339.26 मीटर रिकॉर्ड किया गया था. इस समय बांध में कुल 9.132 टीएमसी पानी का भराव हो पाया था. केचमेंट एरिया में बारिश भी महज 126 मिलीमीटर ही रिकॉर्ड किया गया था. जबकि इस साल 1 जून से 22 जून तक बांध के कैचमेंट एरिया में कुल 262 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है. वहीं 242.70 जलस्तर के साथ बांध में कुल जलभराव 15.724 टीएमसी रिकॉर्ड किया गया. इस तरह पिछले साल के मुकाबले इस साल गंगरेल बांध में 6.592 टीएमसी पानी अधिक है. जिले के अन्य बाँधों में भी जलभराव की स्थिति काफी अच्छी है. कुल 10.192 टीएमसी क्षमता वाले दुधावा बांध में 5.101 टीएमसी जलभराव है. इसी तरह 6.995 टीएमसी क्षमता वाले सोंढुर बांध में 4.861 टीएमसी और 5.839 टीएमसी क्षमता वाले माड़मसिल्ली बांध में 2.396 टीएमसी पानी का भरा वर्तमान में है. सोंढुर और माड़मसिल्ली बांध गंगरेल के सहायक बांध हैं. दोनों बांध का पानी सीधे गंगरेल बांध में पहुंचता है. ऐसे में झमाझम बारिश को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि इस साल गंगरेल बांध काफी जल्द ही लबालब हो जाएगा. बांध से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने की स्थिति में बाढ़ जैसे हालात का सामना तटीय क्षेत्र में बसे लोगों को करना पड़ सकता है.
सिहावा बोराई मार्ग में आवाजाही ठप्प
जिले के वनांचल इलाके में भी काफी मूसलाधार बारिश कल रात से हुई है. जिसके बाद क्षेत्र के नदी नाले उफान पर हैं. धमतरी जिले को उड़ीसा राज्य से जोड़ने वाले सिहावा-बोराई मार्ग में आठदाहरा और सीतानदी का नाला उफान पर हैं. जिसके कारण इस मार्ग में वाहनों की आवाजाही ठप्प हो गई है. सोंढुर नदी के नाले भी उफनने से वनांचल के कई गांव के लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक आने जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसी तरह महानदी में सिरसिदा एनीकट के ऊपर से पानी बहने के कारण लोगों को आवाजाही के लिये अन्य घुमावदार रास्तों का सहारा लेना पड़ रहा है.