प्रमोद कुमार, कैमूर। बिहार सरकार ने करोड़ों रुपये खर्च कर हाटा को नगर पंचायत का दर्जा दिया, ताकि गांव को शहरी क्षेत्र जैसा विकास मिल सके। लेकिन हकीकत यह है कि आज भी हाटा बाजार पहले जैसा ही दिखता है, सिर्फ नाम बदलकर “नगर पंचायत हाटा” रह गया है, पर विकास कहीं नजर नहीं आता।
धरातल पर नहीं दिखा कोई बदलाव
नगर पंचायत का दर्जा मिले दो साल बीत चुके हैं। इस दौरान कई योजनाएं पास हुईं, करोड़ों रुपये खर्च भी हुए, लेकिन अधिकांश काम कागजों तक ही सीमित रहे। धरातल पर कोई बड़ा बदलाव नहीं दिखा। हाटा बाजार, जो आसपास के दर्जनों गांवों का मुख्य केंद्र है और जहां रोज हजारों लोग आते-जाते हैं, आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है।
आज तक नहीं बना एक भी सार्वजनिक शौचालय
आज तक यहां एक भी सार्वजनिक शौचालय नहीं बना, जिससे पुरुष और महिलाओं को भारी परेशानी होती है। हर गली में कचरे के ढेर लगे हैं, कई जगह डस्टबिन टूटे पड़े हैं। ऐसा लगता है जैसे महीनों से सफाई ही नहीं हुई। पानी निकासी की व्यवस्था भी कई जगह नदारद है, जिससे जलजमाव बना रहता है।
सुनने को तैयार नहीं जनप्रतिनिधि- स्थानीय
स्थानीय रवि शर्मा बताते हैं कि हाटा का विकास कुछ हुआ है, पर काफी विकास बाकी है। शक्ति कटरा गली में आज तक कोई कार्य नहीं हुआ। नाली भी जगह-जगह टूटी हुई है, जिससे काफी परेशानी होती है। आज तक पीसीसी ढलाई भी नहीं हुआ। डस्टबिन भी टूटा है, ना कभी कचड़े का उठाव होता है, ना सफाई नगर पंचायत में जो सुविधा मिलनी चाहिए आज तक हमलोग को नहीं मिला। रमेश जयशवाल जो सभापति हैं, उन्हें विकास के लिए जिताये पर आज सुनने को तैयार नहीं हैं। आज हाटा बाजार अपने दुर्दशा पर आंसू बहा रहा पर अधिकारी और जनप्रतिनिधि सुनने को तैयार नहीं हैं।
जल्द ही बहेगी विकास कि बयार- पदाधिकारी
वही कार्यपालक पदाधिकारी शिवम सिंह का कहना है कि, पानी साफ-सफाई जैसे कई विकास हुआ है। अभी नगर पंचायत नया गठित हुआ है, अभी काफी विकास की जरूरत है। कई योजनाओं को भेजा गया है। जल्द ही विकास का बयार बहेगी।
कार्यालय में बैठे समय बिताते हैं अधिकारी
बता दें कि आज हाटा नगर पंचायत में जैसे प्रवेश करेंगे आप को कोई बदलाव नजर नहीं आयेगा की पहले वाला हाटा बाजार है कि नगर पंचायत वाला। कारण है कि स्वच्छता पदाधिकारी ,कार्यपालक पदाधिकारी कभी हाटा बाजार का भ्रमण तक नहीं करते। सिर्फ कार्यालय में बैठे समय बिताते हैं। कार्यालय में कहि भी अभिकारी का नाम नंबर आपको नहीं मिलेगा। जिनसे जनता सीधा संपर्क कर सके।
ऐसे अब देखना होगा कि कब नगर पंचायत पर खर्च की गई राशि और योजनाओं की जाँच होती है कब नगर पंचायत में मिलने वाली सुविधाओं को जनता तक पहुंचती है? कब नगर पंचायत अपने विकास के दिन देखेगा?
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