प्रदीप सिंह ठाकुर, देवास। शिवराज सरकार अपनी स्वास्थ सेवाओं को लेकर भले ही लाख दावें करती हो। लेकिन आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति चिंताजनक हैं। ऐसा ही एक ताजा उदाहरण देवास जिले के ग्राम मिर्जापुर से आया है। जहां दो मजबूर भाई अपनी एकलौती बहन को इलाज के लिए बाइक पर खटिया बांधकर ले जाने को मजबूर हैं। पिछले 18 महीनों से दोनों भाई अपनी बहन का इलाज कराने के लिए इस ही तरह ले जा रहे हैं।उनके पास आयुष्मान कार्ड होने के बाद भी उन्हें शासन की किसी प्रकार की इलाज में सहायता नहीं मिल रहा है।
खटिया पर अपनी बहन को ले जाने का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद स्वास्थ्य विभाग मामले की लीपापोती करने में जुट गया है। देवास सीएमएचओ एमपी शर्मा ने कहा कि मामला भ्रामक है। सीएमएचओ ने कहा कि पीड़ित युवती को हमेशा 108 से लाया जाता है। इस बार उन्होंने 108 के लिए कॉल ही नहीं किया और जो खटिया पर लाना बताया गया है। ऐसा नहीं हुआ है।
दरअसल देवास के सतवास प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का एक वीडियो वायरल होने के बाद अब स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल खड़ा हो गया हैं। वीडियो में दिखाई दे रहा था कि एक युवती को इलाज के लिए उसके परिजन बाइक पर खटिया बांधकर उस पर लेटाकर लाएं हैं। यह महज एक वायरल वीडियो नहीं हैं, बल्कि एक कड़वा सच हैं। मामले में Lalluram.Com ने पूरी जानकारी जुटाई। उसके बाद इस घटना से जुड़ी सच्ची कहानी स्पष्ट हो पाई।
जानिए क्या है पूरा मामला
दरअसल ग्राम मिर्जापुर की रहने वाली 20 वर्षीय योगिता निचौले करीब डेढ़ साल पहले एक सूखे कुएं में गिर गई थी। इसके कारण उसके शरीर के निचले हिस्से ने काम करना बंद कर दिया। इसके बाद से ही योगिता को डायलेसिस के लिए हर महीने अस्पताल ले जाना पड़ता है। अस्पताल जाने के लिए पीड़िता के भाई विजेश और अजय ने शासकीय एम्बुलेंस की कई बार मदद भी मांगा। मगर उन्हें कभी भी एम्बुलेंस की सहायता नहीं मिली। मजबूरन दोनों भाइयों ने यह जुगाड़ बनाया और अपनी बहन को अस्पताल ले जाने लगे।
इलाज में लाखों रुपए कर चुके हैं खर्च
योगिता के बड़े भाई विजेश के मुताबिक उनके पास आयुष्मान कार्ड होने के बाद भी उन्हें शासन की किसी प्रकार की इलाज में सहायता नहीं मिल रहा है। बल्कि इस मजदूर परिवार को दवाइयां भी प्राइवेट मेडिकल दुकान से खरीदना पड़ रहा है। विजेश ने बताया कि हमारा परिवार मजदूरी करके गुजर-बसर करता हैं। हम अपनी बहन को लेकर अब तक कई अस्पतालों में भटक चुके हैं। लाखों रुपए खर्च हो जाने के बाद भी उनकी बहन का ठीक से इलाज नहीं हो सका है।
वीडियो वायरल होने के बाद हरकत में आया स्वास्थ्य अमला
वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद स्वास्थ्य अमला हरकत में आया। परिवार की सहायता करने की बात तो कहीं, लेकिन मामले में जब सीएमएचओ एमपी शर्मा से सवाल किया गया तो उनका कहना था, कि पीड़ित युवती को हमेशा 108 से लाया जाता है। इस बार उन्होंने 108 के लिए कॉल ही नहीं किया और जो खटिया पर लाना बताया गया है। ऐसा नहीं हुआ है।