रवि रायकवार, दतिया। मध्य प्रदेश के दतिया में बिजली विभाग ने कई गांव में लालटेन वाले समय की याद दिला दी है। गरेरा सहित कई ग्रामों में दो माह से बिजली नहीं है। बच्चों की परीक्षाएं चल रही हैं ऐसे में बच्चे मोमबत्ती और लालटेन में पढ़ाई कर रहे हैं। वहीं ग्रामीणों को गेहूं पिसवाने के लिए दूसरे गांव में जाना पड़ता है।
मोमबत्ती की रौशनी में पढ़ते हुए बच्चों का ये दृश्य मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर स्थित गरेरा का है। दरअसल इस ग्राम के ट्रांसफार्मर फुक गए हैं। चूंकि गांव पर बिजली का बिल बकाया है। इसलिए विद्युत विभाग यहां ट्रांसफार्मर नहीं बदल रहा है। ग्रामीण शासन के नियमों के मुताबिक राशि जमा करने को तैयार हैं, लेकिन विभाग चाहता है की ग्रामीण पूरा बकाया भरे।
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इसलिए गांव में ढाई माह से अधिक समय से अंधेरा पड़ा है। दतिया में बिजली विभाग ने कई गांव में लालटेन युग की याद दिला दी है। गरेरा सहित कई ग्रामों में दो माह से अधिक समय से बिजली नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि, बच्चों की परीक्षाएं चल रही जिससे बच्चे मोमबत्ती और लालटेन में पढ़ाई कर रहे हैं। बिजली न होने से खेतों में पानी भी नहीं लग पा रहा है। ग्रामीणों को गेहूं पिसवाने भी कई किलोमीटर चलकर दूसरे गांव में जाना पड़ता है।
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वहीं जब विद्युत विभाग के अधिकारियों से सवाल किया किया कि, ग्रामीण नियम के अनुसार राशि जमा करने को तैयार हैं फिर ट्रांसफार्मर क्यों नहीं बदले जा रहे हैं। तो अधिकारी कहने लगे राशि जमा करें तो ट्रांसफार्मर बदल जाएगा। पानी की तरह बिजली भी जीवन के लिए आज आवश्यक चीज बन गई है। बिजली न मिलने से ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ रहा है। अगर बिजली विभाग ने अपना तानाशाही पूर्ण रवैया नहीं बदला तो ग्रामीण सड़कों पर उतर सकते हैं।
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