पुरुषोत्तम पात्रा, गरियाबंद. सरकारी स्कूलों में शिक्षण की बिगड़ती हालत किसी से छिपी नहीं है. यहां की ज्यादातर स्कूल जर्जर भवन में संचालित हो रही है. कई स्कूल ऐसी है जहां आज भी शिक्षकों की कमी के चलते बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है. कुछ स्कूलों में शिक्षक को नियुक्त तो किया गया है, लेकिन वे स्कूल ही नहीं आते है. इन सारी अव्यवस्थाओं के बीच ग्रामीण अंचल के बच्चे पढ़ने को मजबूर है.

ऐसा ही मामला गरियाबंद में स्थित भरवामुड़ा मिडिल स्कूल का है. जहां पर शिक्षा विभाग की ओर से 2 शिक्षक की नियुक्ति तो कर दी गई है, लेकिन ये शिक्षक स्कूल ही नहीं आते है. जिसकी वजह से यहा पढ़ने वाले बच्चों को उनका भविष्य अंधकारमय दिखने लगा है. यही कारण है कि शिक्षको की इस मनमानी के विरोध में आज बच्चों के पालक एकत्र हो गये.

आज भी जब बच्चे स्कूल पहुंचे थे तो वहां दोनों शिक्षक नदारत मिले. जिसके बाद बच्चों के पालको ने स्कूल में तालाबंदी करते हुए स्कूल न आने वाले शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. इस दौरान स्कूल के करीब 30 बच्चें अपने पालकों के साथ स्कूल के सामने ही धरने पर बैठ गये. और स्कूल से नदारत रहने वाले शिक्षक के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

स्कूल में तालाबंदी करने वाले पालकों का आरोप है कि ये दोनों शिक्षक पिछले एक सप्ताह से स्कूल नहीं आ रहे है. इन शिक्षकों के स्कूल न आने से उनके बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है. और यही वजह है कि आज उन्होंने स्कूल में तालाबंदी करते हुए स्कूल में पदस्थ दोनों शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

आपको बता दें कि यह इलाका विकासखण्ड मुख्यालय से 80 किमी दूर स्थित है. जिसकी वजह से इन स्कूलों की सही मॉनिटरिंग नहीं हो पाती है और अक्सर यहां ऐसी मनमानी देखने को मिलती है. संकुल समन्वयक की सतत मॉनिटरिंग होना होता है. लेकिन सप्ताह भर में यहां मॉनिटरिंग करने वाले भी झांकने तक नहीं आये. जिसके कारण इलाके में पढ़ाई प्रभावित होने की नौबत आ रही है.