लक्षिका साहू, रायपुर. छत्तीसगढ़ में सियासी पारा गर्म है. मानसून सत्र से पहले राजनैतिक दलों की तैयारियाां तेज हो गई है. विपक्ष इस बार लाठी लेकर विधानसभा जाने की तैयारी में है. अपनी सरलता के लिए परिचित नेता प्रतिपक्ष जिनकी सौम्यता की तारीफ सत्ता दल के मंत्री भी करते हैं. उनके ही एक बयान ने प्रदेश में बवाल मचा दिया है. बयान ऐसा है कि उसी सत्ता दल के नेता जो सुबह चरणदास महंत के सौम्यता की तारीफ कर रहे थे, अब महंत पर हमलावर हैं.

दरअसल कांग्रेस विधायकों की बैठक के बाद विधानसभा सत्र की तैयारियों पर मीडिया को जवाब देते हुए महंत ने ये जवाब दिया कि इस बार सभी विधानसभा में लाठी लेकर जाएंगे. इसी बयान से एक बार फिर महंत विवादों से घिर गए हैं. उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने इस बयान की निंदा की है. साथ ही विधायक सुशांत शुक्ला ने इस बयान को लोकतंत्र की हत्या के समान बताया है. उन्होंने कहा है कि जैसे संस्कार होंगे वैसी ही कर्म की भाषा होगी, लेकिन ऐसा पहली बार नहीं है कि महंत ने ऐसा कोई बयान दिया हो.

लोकसभा चुनाव 2024 में राजनांदगांव की एक रैली को संबोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष महंत ने पीएम मोदी का सर फोड़ने की बात कही थी. इसके बाद उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा था. उन पर FIR दर्ज हुई .बाद में उन्होंने अपने बयान को लेकर खेद भी व्यक्त किया था. एक बार फिर मानसून सत्र से पहले महंत ने विधानसभा को लेकर ये विवादित बयान दिया है. इस बयान का अर्थ क्या हो सकता है ये कहा नहीं जा सकता, शायद इसका जवाब बताने वाले भी महंत ही हो सकते हैं.

बीजेपी सरकार के मंत्री ने की तारीफ, शाम तक महंत ने मचाया बवाल

प्रदेश के गृह मंत्री विजय शर्मा ने कल ही नेता प्रतिपक्ष की तारीफ़ की थी. दरअसल कांग्रेस के PAC की महत्वपूर्ण बैठक थी, जिसमें पूर्व सीएम भूपेश बघेल द्वारा महंत पर हमला बोलने की जानकारी सामने आई थी. इस पर विजय शर्मा ने कहा था कि महंत सज्जन व्यवक्ति है. बघेल सभी को दबाने की कोशिश करते हैं. विजय शर्मा के इस बयान के बाद चरणदास महंत ने विवादित बात कह दी. अब डिप्टी सीएम अरुण साव ने इस बयान की निंदा की है और कहा कि कांग्रेस सिर्फ गांधी जी के नाम का इस्तेमाल करती है. इतने सीनियर नेता हैं. ऐसे शब्दों का प्रयोग नहीं होना चाहिए.

पीएम मोदी का सर फोड़ने वाले बयान से पहले भी विवादों में रहे नेताप्रतिपक्ष

इससे पहले महंत ने पीएम मोदी को लेकर विवादित टिप्पड़ी की थी, जिसका प्रदेशभर में विरोध हुआ था. राजनांदगांव में लोकसभा चुनाव के लिए भूपेश बघेल के नामांकन के दौरान उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कह दिया था कि हमें नरेंद्र मोदी का मुड़ फोड़ने वाला आदमी चाहिए, एक संरक्षक चाहिए, अच्छी लाठी धरकर मारने वाला चाहिए. उनके इस बयान पर उन्हें भारी विरोध का सामना करना पड़ा था और FIR भी दर्ज की गई थी. इसके बाद उन्होंने खेद भी व्यक्त किया था.

नेताप्रतिपक्ष के ऐसे बयानों का न सिर्फ सत्ता पक्ष विरोध जताती है बल्कि अपने ही पार्टी में उनको नेताओं की नाराजगी का सामना करना पड़ता है. समय-समय पर चरणदास महंत ने ऐसे कई बयान दिए हैं, लेकिन इसी बीच जब सरकार के खिलाफ मुखर आवाज बनकर सामने विरोध करने की बारी आती है तो महंत पीछे रह जाते हैं, जिसकी नाराजगी कल कांग्रेस बैठक में भी देखने को मिली थी. इसके ठीक बाद नेता प्रतिपक्ष ने ऐसा बयान दिया कि वो फिर से विवादों के घेरे में आ गए हैं.