रायपुर. राजधानी रायपुर के प्रोफेसर कॉलोनी स्थित श्री धाम सुमेरूमठ में 21 से 25 जून तक श्री धाम सुमेरूमठ में अघोर महोत्सव आयोजित किया जा रहा है. इसमें महाऔघड़ेश्वर ज्योतिर्लिंग धाम (अघोर मठ के) रूद्रानंद प्रचण्ड वेग संधीकाल में रोजाना सुबह 4 बजे, सुबह 10 बजे, अपरान्ह 4 बजे, रात्रि 10 बजे और रात 2 बजे 21 वर्षों से जल रही धुंनी में श्री यज्ञ करेंगे. इसमें कोई भी भक्तगण शामिल हो सकते है.

अघोर साधक रूद्रानंद प्रचण्ड वेग ने बताया कि धाम में अखंड त्रिकोण धुनी 21 वर्षों से जल रही है उसी में पिछले 10 वर्षों से अघोर महोत्सव उक्त तिथि पर ही आयोजित किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि गरियाबंद जिले में (घटरानी-जतमई मार्ग में) महाऔघड़ेश्वर ज्योतिर्लिंग धाम (अघोर मठ) बिहा झोला (मड़ेली) में उनके गुरू अघोरपीठाधीश्वर बाबा औघड़ नाथ के आदेश से भी मंदिर बनाया गया गया है. यहां भी अखंड धुनी प्रज्वल्लित होती है.

रायपुर स्थित श्री धाम सुमेरूमठ

रजस्वला स्त्री को भी मंदिर में आने की मनाही नहीं

अघोर साधक रूद्रानंद प्रचण्ड वेग ने बताया कि रायपुर और बिहा झोला स्थित मंदिर में रजस्वला स्त्री को भी आने की मनाही नहीं है. उन्होंने कहा कि मंदिर में किसी भी प्रकार का कोई भी धुआ-छूत नहीं माना जाता है और सूतक काल में भी मंदिर खुला रहता है और प्रभु पर आस्था रखना वाला कोई भी कभी भी मंदिर आ सकता है. यहां हर महीने की कालाष्टमी तिथि पर विशेष पूजा होती है.

जीव सेवा ही जग्दीश्वर सेवा

अघोर साधक रूद्रानंद प्रचण्ड वेग

लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत में अघोर साधक रूद्रानंद प्रचण्ड वेग ने कहा कि वे जीव सेवा ही जग्दीश्वर सेवा के मार्ग पर आगे चल रहे है और लोगों को भी जागरूक कर रहे है. उन्होंने कहा कि रायपुर के प्रोफेसर कॉलोनी स्थित मंदिर में रोजाना वास्तविक जरूरतमंदों के लिए भंडारा और हर जीव के लिए भोजन बनाया जाता है. उक्त मंदिर के गुंबद में श्री यंत्र मंदिर स्थापित है जो उनके दावे के अनुसार विश्व का एक मात्र ऐसा मंदिर है.