मुंबई. भाजपा भले ही किसान हितैषी होने के लाख दावे करे लेकिन उसके दावों की पोल खुल ही जाती है. देश के विभिन्न हिस्सों में सरकार के खिलाफ हो रहे किसान आंदोलन बताते हैं कि देश का किसान सरकार से बिल्कुल भी खुश नहीं है. चेन्नई के किसानों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर नग्न होकर प्रदर्शन किया तो सरकार को बेकफुट पर आना पड़ा. अब महाराष्ट्र के किसान राज्य सरकार के खिलाफ सीधे मोर्चा खोलते हुए मुंबई पहुंच चुके हैं.
राज्य के किसान कर्जमाफी समेत तमा मुद्दों पर सरकार के लचर रवैये को लेकर आंदोलित हैं. करीब 35,000 किसान नासिक से चलकर मुंबई पहुंच चुके हैं. किसानों का ये कारवां विधानसभा का घेराव कर अपनी बात हुक्मरानों को सुनाने का काम करेगा. उधर, नेताओं ने किसानों के गुस्से को समझते हुए उनके आंदोलन को अपना पूरा समर्थन दे दिया है.
शिवसेना औऱ राज ठाकरे की महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के साथ वामपंथी दलों ने किसानों का खुलकर समर्थन किया है. मुंबई के इतिहास में पहली बार होगा कि किसान सरकार को अपनी बात सुनाने के लिए सीधे मुंबई पहुंचकर विधानसभा घेराव करेंगे. देखना है कि सरकार किसानों के इस गुस्से से कैसे निपटती है.