नई दिल्ली. पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी ने गुरुवार को केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के विभिन्न प्रावधानों पर सवाल उठाते हुए कहा कि इससे युवाओं में और अधिक असंतोष पनपेगा. उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को लिखे एक पत्र में मांग की है कि सरकार इस योजना से जुड़े नीतिगत तथ्यों को सामने लाए और अपना पक्ष साफ करे.

उन्होंने कहा कि देश भर के युवाओं ने इस योजना के प्रावधानों को लेकर उनसे कई सारी शंकाएं और संशय शेयर किए हैं. इस योजना के तहत थल सेना, नौ सेना और वायु सेना में चार साल के लिए नयी भर्तियां होंगी. चार साल के बाद 75 फीसदी सैनिकों को पेंशन जैसी सुविधाओं के बगैर ही सेवानिवृत्त कर दिया जाएगा. शेष 25 प्रतिशत को भारतीय सेना में नियमित रखने का प्रावधान किया गया है.

वरुण गांधी ने कहा कि हर वर्ष भर्ती किए जाने वाले युवाओं में से 75 प्रतिशत चार वर्षों के बाद पुन: बेरोजगार हो जाएंगे, जिसकी वजह से हर साल उनकी संख्या बढ़ती जाएगी. उन्होंने कहा कि इससे देश के युवाओं में असंतोष और अधिक पनपेगा. वरुण गांधी ने सवाल उठाया कि जब सेना में 15 साल की नियमित नौकरी के बाद सेवानिवृत्त हुए सैनिकों को उद्योग जगत नियुक्त करने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाते तो ऐसे में सिर्फ चार साल की अवधि के बाद सेवानिवृत्त हुए सैनिकों का क्या होगा.

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उन्होंने कहा कि चार साल की सेवा के दौरान इन युवाओं की पढ़ाई बाधित होगी, साथ ही साथ अन्य समकक्ष छात्रों की तुलना में ज्यादा उम्रदराज होने के कारण अन्य संस्थानों में शिक्षा ग्रहण करने और नौकरी पाने में उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा. विशेष अभियान के समय सशस्त्र बलों में विशेषज्ञ कैडर वाले सैनिकों की आवश्यकता होती है, ऐसे में महज छह महीने का बुनियादी प्रशिक्षण प्राप्त इन सैनिकों के कारण वर्षों पुरानी रेजिमेंटल संरचना बाधित हो सकती है.

पत्र में उन्होंने कहा कि इस योजना से प्रशिक्षण में आने वाली लागत की भी बर्बादी होगी, क्योंकि चार साल के उपरांत सेना इन प्रशिक्षित जवानों में से केवल 25 प्रतिशत का ही उपयोग कर सकेगी. वरुण गांधी ने राजनाथ सिंह से आग्रह किया कि बेरोजगार युवाओं के हितों को सर्वोपरि रखते हुए सरकार को अतिशीध्र इस योजना से जुड़े नीतिगत तथ्यों को सामने लाना चाहिए और अपना पक्ष स्पष्ट करना चाहिए.

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