Agrasen Jayanti: आज नवरात्रि के पवित्र दिन की शुरुआत के साथ अग्रसेन जयंती है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार अग्रसेन जयंती आश्विन माह की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है. देशभर में महाराजा अग्रसेन जयंती धूमधाम से मनाई जा रही है. महाराजा अग्रसेन अपने आदर्शों और सामाजिक कल्याण के लिए वैश्य समुदाय में प्रमुखता से जाने जाते हैं, लेकिन अपने सामाजिक कार्यों के कारण वे केवल एक समाज या समुदाय तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि अपनी करुणा, दयालुता और दूरदर्शी सोच और लोगों को एकजुट करने की अपनी क्षमता के लिए जाने जाते हैं. यही वह योग्यता थी जिसने उन्हें महान बनाया. महाराजा अग्रसेन समानता के प्रति समर्पण और पुरानी संकीर्ण विचारधारा के प्रबल विरोध के लिए भी प्रसिद्ध थे.

अग्रसेन जयंती का महत्व

महाराजा अग्रसेन ने गरीबों और जरूरतमंद लोगों के लिए मुफ्त शिक्षा, अस्पताल, सामुदायिक भवन जैसे कई कल्याणकारी कार्य भी शुरू किए, जिसके कारण उन्हें आज भी एक महान और दयालु राजा माना जाता है. महाराज अग्रसेन के बारे में कहा जाता है कि उनका शासन केवल युद्धों तक ही सीमित नहीं था, बल्कि समाज कल्याण उनकी प्राथमिकता थी. भारत सरकार ने 1976 में महाराजा अग्रसेन की 5100वीं जयंती पर एक डाक टिकट भी जारी किया था.

महाराजा अग्रसेन ने एक ईंट और एक रुपया का विचार दिया

महाराजा अग्रसेन ने “एक ईंट और एक रुपया” का एक नया विचार प्रस्तावित किया, जिसके तहत अग्रोहा में पहले से रहने वाला प्रत्येक परिवार पड़ोस में रहने वाले प्रत्येक नए परिवार को एक ईंट और एक रुपया देगा. इस तरह का काम नए लोगों को अपना घर बनाने और अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने में सक्षम बनाता है. जिससे लोगों को अपना घर और बिजनेस चलाने में काफी मदद मिली. ‘एक ईंट और एक रुपया’ का विचार लोगों को एक समाज के रूप में एकजुट करता है.

महाराजा अग्रसेन जी का इतिहास

अग्रसेन राजा वल्लभ सेन के सबसे बड़े पुत्र थे. ऐसा कहा जाता है कि उनका जन्म द्वापर युग के अंतिम चरण में हुआ था, जब रामराज्य अस्तित्व में था. इन्हें श्रीराम की 34वीं पीढ़ी कहा जाता है. प्रतापनगर गणतंत्र के संस्थापक महाराजा अग्रसेन ने अग्रोहा नामक शहर की स्थापना की. ऐसा माना जाता है कि एक बार महाराजा अग्रसेन के राज्य में अकाल पड़ गया था. उन्होंने पैसे और भोजन खो दिया. तब, देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए, उन्होंने कठोर तपस्या की और देवी लक्ष्मी उनके सामने प्रकट हुईं और उन्हें धन और समृद्धि प्राप्त करने का आशीर्वाद दिया. (Agrasen Jayanti)