कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। किसानों की आत्महत्या (farmers suicide) को लेकर महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) ने केंद्र की मोदी सरकार (Modi government) को जिम्मेदार बताया है। वहीं महाराष्ट्र सरकार के आरोप पर ग्वालियर पहुंचे केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पलटवार किया है। नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कृषि सिर्फ केंद्र सरकार का विषय नहीं है। यह राज्यों का भी विषय है। दोषारोपण करने की जगह राज्यों को केंद्र की योजनाओं का लाभ किसानों को दिलाना चाहिए।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि मौत किसी की भी हो दुखद है। लेकिन मृत्यु पर राजनीति किसी को नहीं करना चाहिए। कृषि राज्यों का भी विषय है। राज्य को इस मामले में चिंता करनी चाहिए, बजाए किसी पर दोषारोपण करने करने में लग जाए। राज्य की पहली जिम्मेदारी है कि हम अनेक योजनाओं के माध्यम से राज्य को सहयोग करते है। सीधे भी केंद्र परिवर्तित योजनाओं के माध्यम से किसानों को लाभ प्रदान करते हैं।
विगत सालों में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि के अंतर्गत साढ़े 11 करोड़ किसानों को 1 लाख 60 हज़ार करोड़ से अधिक पैसा उनके खाते में जमा कराया है। फसल बीमा जैसी योजनाओं के माध्यम से 1 लाख करोड़ से अधिक का मुआवजा जिन किसानों का नुकसान हुआ उनको प्रदान किया गया है। लगातार कृषि सुधार और कृषक की आमदनी दोगुनी हो इस दृष्टि से केंद्र सरकार राज्य के साथ मिलकर काम कर रही है।
मैं मीडिया के माध्यम से राज्य सरकारों को अनुरोध करना चाहता हूं कि उनको अपनी स्कीम का समीक्षा करनी चाहिए। कोई भी किसान आत्महत्या की ओर प्रबर्ध ना हो यह जिम्मेदारी उनको लेनी चाहिए। वहीं केरल सरकार द्वारा मंत्री को बाथरूम के लिए 4 लाख 10 हजार रुपये सेंक्शन करने के सवाल पर केंद्रीय मंत्री तोमर जबाब टालते हुए नजर आए। बोले कि मुझे इस विषय को लेकर कुछ मालूम नहीं है।
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