रुपेश गुप्ता, रायपुर। प्रदेश के कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने पीएम मोदी पर किसानों के साथ वादा खिलाफी और धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है. केन्द्र सरकार द्वारा बढ़ाए गए समर्थन मूल्य पर चौबे ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि 53 रुपया इज़ाफ़ा कर कहा जा रहा है कि स्वामीनाथन रिपोर्ट के हिसाब से दे रहे हैं. ये पूरे देश के धान उत्पादक किसानों के साथ वादाखिलाफी है. किसानों के साथ धोखा है. उपकरण के दाम किसी के नियंत्रण में नहीं, उर्वरक के दाम बढ़ रहे हैं. कोरोना के संक्रमण के दौर में कोरेन्टीन से बाहर आ नहीं पा रही है वरना किसानों को कुछ मिलता.
चौबे ने आगे कहा कि असत्य बात प्रधानमंत्री बोल रहे है कि उन्होंने किसानों को अपनी फसल दूसरे राज्य में बेचने का अधिकार ढिया है. प्रदेश के बाहर के प्रदेश में फसल बेचने का अधिकार मोदी ने किया है, किसानों को पहले भी बेचने का अधिकार था. हमारा टमाटर पाकिस्तान जाता था. मक्का में 1100 रुपये से ज़्यादा किसानों को नहीं मिल रहा है, क्योकि केंद्र नहीं खरीद रही है.
उऩ्होंने कहा कि केंद्र का सकारात्मक पहल नहीं है. जो काम छत्तीसगढ़ सरकार कर चुकी है वहां तक पंहुचने में 16 साल लगेंगे. छत्तीसगढ में 2500 रुपये धान का मिल रहा है. इस साल सम्मान निधि पौने दो लाख किसानों तक पंहुच पाया है. 1 रुपये की रियायत भी केंद्र ने नहीं दी है. 52394.1 करोड़ एक साल में छत्तीसगढ़ ने किसानों को दिया. पूरे देश मे लोग 1 – 1 रुपया के लिए मोहताज हैं. बाजार गुलज़ार छत्तीसगढ़ की सरकार की वजह से है.
वहीं किसान कांग्रेस के अध्यक्ष चंद्रशेखर शुक्ला ने केंद्र द्वारा धान पर बढ़ाए गए समर्थन मूल्य पर कहा कि बढ़ोत्तरी धान पर मात्र 5 प्रतिशत है. किसी भी फसल में 10 प्रतिशत से ज़्यादा की वृद्धि नहीं की गई जबकि लागत वृद्धि बढ़ गई है. यह किसानों से छलावा है, केंद्र बताये कैसे कीमत डेढ़ गुनी हुई? धान का मूल्य 2560 रुपये होना चाहिए.