रायपुर. केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के बयान को लेकर वार-पलटवार का दौर शुरू हो गया है. स्मृति ईरानी ने महतारी हुंकार रैली के जरिए कांग्रेस पर बड़ा तंज कसते हुए कहा था कि हम दूर से ललकार नहीं लगाते, बल्कि घर में घुसकर मारते हैं. अब इस पर प्रदेश के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि स्मृति ईरानी को शब्दो का चयन ठीक तरीके से सोच समझकर करना चाहिए. जिन लोगों ने रसोई गैस की बढ़ी कीमत पर आंदोलन किया था, आज वही लोग महंगाई पर जवाब देने या बात करने को तैयार नहीं हैं. स्मृति ईरानी जिस पद पर हैं उन्हें ऐसे शब्दो का चयन करना शोभा नहीं देता. भारतीय जनता पार्टी के किसी भी व्यक्ति की कोई बात हम चुनौती के रूप में नहीं लेते.

स्मृति ईरानी के बयान को लेकर कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने भी बीजेपी को घेरा. उन्होंने कहा कि गुजरात से आके कोई बोलेगा घर में घुस के मारेंगे ये हम बर्दास्त नहीं करेंगे. क्या भारतीय जनता पार्टी छत्तीसगढ़ को अपना घर नहीं मानती? वे ये मानते हैं कि छत्तीसगढ़ भूपेश बघेल का घर है. इसके पहले बीजेपी प्रभारी नितिन नबीन ने भी छत्तीसगढ़ी महतारी का अपमान किया. छत्तीसगढ़िया इतने कमजोर नहीं हैं, जवाब जरूर देंगे. वहां 3 बार से मुख्यमंत्री रहे डॉ. रमन सिंह छत्तीसगढ़ का विरोध सुन रहे थे.

बीजेपी की तैयारियों पर रविंद्र चौबे ने कहा कि अगले साल नवंबर में ही विधानसभा का चुनाव होगा. 4 साल तक बीजेपी सुस्त अवस्था में थी. 15 साल जो बीजेपी का कुशासन था, वह उन्हें प्रदेश में दोबारा स्थापित होने नहीं देगा. भानुप्रतापपुर में भी आदिवासी समाज प्रत्याशी उतारने की बात पर रविंद्र चौबे ने कहा कि भानुप्रतापपुर हम जीतेंगे. वहीं GAD के पत्र लिखे जाने पर मंत्री ने कहा कि सामान्य प्रशासन द्वारा सतत इस तरीके के निर्देश जारी किए जाते हैं. लोकतंत्र में हमेशा जनप्रतिनिधियों का सम्मान रहना चाहिए. कभी-कभी कोई बातें आ जाती हैं. सामान्य प्रशासन ने निर्देश जारी किया गया है कि जनप्रतिनिधियों के सम्मान का विशेष ख्याल रखा जाए. कांग्रेस सरकार के संरक्षण में अधिकारी मनमानी कर रहे हैं बीजेपी के आरोप पर चौबे ने कहा कि ये आरोप निराधार है. जब बीजेपी सत्ता में थी तब भी अधिकारी यही थे और काम करते थे.

बीजेपी प्रदेश प्रभारी ओम माथुर के छत्तीसगढ़ दौरे पर रविंद्र चौबे ने तंज कसते हुए कहा कि भानुप्रतापपुर प्रदेश का सेमी फाइनल इलेक्शन है. 4 साल में 5 प्रभारी बदल दिए. बीजेपी भानुप्रतापपुर में सफल नहीं होगी. किसान मजदूर आज भी मुख्यमंत्री के साथ हैं. लगातार मेडिकल कॉलेजों के सीटों में वृद्धि कर रहे हैं. गांव में डॉक्टरों की कमी की हमेशा शिकायत रहती है. मेडिकल कॉलेजों से निकलने के बाद डॉक्टर गांव में जाकर सेवा देंगे. देखने में सामने आ रहा है कि मेडिकल कॉलेजों से निकलने के बाद बहुत सारे जो नए लोग हैं वह लोग दूर होते जा रहे हैं. हम उम्मीद करते हैं कि बहुत सारे लोग जाकर गांव में सेवा देंगे. गांव में जाकर सेवा देने का प्रावधान है, इसके तहत जाना ही पड़ेगा.